सीएम बनने के बाद भी लालू प्रसाद यादव ने नहीं छोड़ा था सर्वेंट क्वाटर, सुरक्षा को भी कर दिया नजरअंदाज
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की स्टाइल, उनके बोलने की शैली और लाइफस्टाइल लोगों के लिए हमेशा ही कौतुहल का विषय रहता है। लालू जनता की नब्ज को पकड़ना जानते हैं और यही कारण है कि उनके किस्से, भाषण और रैलियों में उन्हें सुनने के लिए लोग उत्साहित रहते हैं। लालू जब बिहार के पहली बार सीएम बने थे तब जनता के बीच रहने के लिए उन्होंने कई आश्चर्यजनक काम किए थे। सीएम बनने के बाद भी उन्होंने लोगों के समक्ष आम आदमी सा जीवन जीने का नजीर पेश किया था। तो चलिए आपको बताएं कि लालू ने सीएम बनने के बाद अपना चपरासी वाला क्वाटर क्यों नहीं छोड़ा था और क्या कुछ उन दिनों जनता के समक्ष नजीर पेश करने के लिए किया करते थे।
- लालू सीएम बनने के बाद भी चार महीने तक चपरासी के क्वाटर से ही राजकाज करते रहे थे। दो कमरे के इस क्वाटर में लालू अपने बच्चों और भाई के परिवार के साथ रहते थे। यही नहीं, लालू ने सीएम बनने के बाद भी अपने बच्चों का इलाज लाइन में लग कर लंबे समय तक पटना मेडिकल कालेज में कराया था।
- पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने अपनी किताब ‘सबआल्टर्न साहेब- बिहार एंड द मेकिंग ऑफ़ लालू यादव’ में लिखा है कि लालू एक अनोखे प्राणी की तरह थे जो हर एक से टकराने का मौका खोजते थे। संकर्षण ठाकुर ने लिखा है कि जब उन्होंने लालू से चपरासी वाले क्वाटर में रहने का कारण और प्रशासनिक दिक्कतों के साथ सुरक्षा पर सवाल किए तो लालू ने एक टूक जवाब दिया था कि हम चीफ़ मिनिस्टर हैं। हम सब जानते हैं।
- बता दें कि लालू सीएम बनने के बाद भी अपने भाई के चपरासी वाले घर में रह रहे थे। बाद में प्रशासनिक अड़चनों के कारण वह चार महीने बाद जाकर सीएम आवास में रहना शुरू किए थे।