‘दंगाइयों को कुचल देंगे’: डोनाल्ड ट्रंप का प्रदर्शनकारियों पर तीखा प्रहार
अमेरिका के लॉस एंजेलेस में अवैध प्रवासियों के खिलाफ इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की छापेमारी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। 7 जून 2025 को लगातार दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापों का विरोध किया, जिसके जवाब में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को “दंगाई” करार देते हुए कहा कि उन्हें “कुचल दिया जाएगा”। ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजेलेस में 2,000 नेशनल गार्ड जवानों को तैनात करने की घोषणा की। इस घटना ने अमेरिका में इमिग्रेशन नीतियों पर गहरी बहस छेड़ दी है।
प्रदर्शन और हिंसा का माहौल
लॉस एंजेलेस में ICE की छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी और पथराव किया। कुछ प्रदर्शनकारी मास्क पहने हुए थे और “ICE आउट ऑफ पैरामाउंट” के नारे लगा रहे थे। सड़कों पर मेक्सिकन झंडे लहराए गए, और न्यूज वैन को नुकसान पहुंचाया गया। सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेशनल गार्ड की तैनाती की गई। यह विरोध ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीति का परिणाम माना जा रहा है, जिसमें रोजाना 3,000 गिरफ्तारियों का लक्ष्य रखा गया है।
ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख
व्हाइट हाउस के उप प्रमुख स्टीफन मिलर ने प्रदर्शनों को “संयुक्त राज्य के कानून और संप्रभुता के खिलाफ विद्रोह” करार दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करेगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना मेरा कर्तव्य है। दंगाइयों को कुचल दिया जाएगा।” उनकी यह टिप्पणी उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है, जिसके तहत उन्होंने पहले भी हिंसक अपराधियों को डिपोर्ट करने की बात कही थी।
निष्कर्ष
लॉस एंजेलेस में ICE छापों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन और ट्रंप का “दंगाइयों को कुचलने” का बयान अमेरिका में इमिग्रेशन नीति पर गहरे मतभेद को दर्शाता है। नेशनल गार्ड की तैनाती और ट्रंप का सख्त रुख स्थिति को और तनावपूर्ण बना सकता है। यह विवाद उनकी नीतियों और वैश्विक छवि पर सवाल उठा रहा है।
लॉस एंजेलेस में ICE छापों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन और ट्रंप का “दंगाइयों को कुचलने” का बयान अमेरिका में इमिग्रेशन नीति पर गहरे मतभेद को दर्शाता है। नेशनल गार्ड की तैनाती और ट्रंप का सख्त रुख स्थिति को और तनावपूर्ण बना सकता है। यह विवाद उनकी नीतियों और वैश्विक छवि पर सवाल उठा रहा है।
