नेत्रदान को लेकर जागरूकता पखवाड़ा 25 अगस्त से 08 सितंबर तक
कटिहार, 25 अगस्त । शहरी क्षेत्र के डीएस कॉलेज स्थित एक निजी स्कूल में रविवार को 39वां नेत्रदान जागरूकता पखवाडे़ की शुरूआत प्रतिज्ञा पत्र भर कर किया गया। कोसी क्षेत्रीय विकलांग विधवा वृद्ध कल्याण समिति एवं सेवा विभाग राष्ट्रीय स्वयं सेव संघ कटिहार के द्वारा 25 अगस्त से 08 सितंबर तक नेत्रदान जागरूकता से जुड़ी गतिविधियां आयोजित होंगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व विधान पार्षद राजवंशी सिंह ने की और दिव्यांग डेजी कुमारी ने प्रतिज्ञा पत्र भरने कार्य किया। इस दौरान राजवंशी सिंह ने मौके पर उपस्थित लोगों को नेत्रदान के महत्व के बारे में आवश्यक जानकारी देते हुए कहा कि नेत्रदान से बढ़कर कोई बड़ा दान नही होता है। कार्यक्रम में लोगों को नेत्रदान की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्हें नेत्रदान की शपथ भी दिलवाई गई।
सदर अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ. एसपी विनकर ने कहा कि कॉर्निया आंख की पुतली के ऊपर शीशे की तरह की एक की एक परत होती है। कॉर्निया प्रायः आंख में संक्रमण या चोट लगने अथवा विशेषतयारू बचपन में पोषण की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है। कॉर्निया के क्षतिग्रस्त होने के कारण जिस व्यक्ति की दृष्टि चली गई है। वह कॉर्निया प्रत्यारोपण द्वारा पुनः दृष्टि प्राप्त कर सकता है। अभी तक कॉर्निया का कोई कृत्रिम विकल्प तैयार नहीं किया जा सका है। किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, शपत पत्र भरकर मरणोपरांत नेत्रदान कर सकता है।
राट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग संचालक डॉ. जगदीश प्रसाद साह ने कहा कि नेत्रदान एक प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत व्यक्ति को मृत्यु के 06 घंटे के अंदर उनके नेत्रदान किया जा सकता है। इस पखवाड़ा के दौरान लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक करना है। कोई भी व्यक्ति अपने परिवार की सहमति के साथ प्रतिज्ञा पत्र भरने का प्रक्रिया पूरा कर सकता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. कर्ण, प्रोफेसर प्रभु नारायण लाल दास, केबी झा कॉलेज के निर्देशक पवन कुमार साह आदि ने अपना विचार व्यक्त किया। बिहार राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य (समाज कल्याण) शिव शंकर रमानी ने मंच संचालन किया। मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सेवा प्रमुख, डॉ. अवधेश देव, दीनानाथ गुप्ता, सुमन श्रीवास्तव, मो. फिरोज, प्रवीण कुमार, अजय यादव, लखी दास, जूली शर्मा, मेनका, धनेश्वर सोनाली दास आदि शामिल थे।