• December 28, 2025

महाराजगंज में छह बार भाजपा की जीत, बसपा का नहीं खुला खाता

 महाराजगंज में छह बार भाजपा की जीत, बसपा का नहीं खुला खाता

पूर्वी उत्तर प्रदेश की अहम संसदीय सीट महाराजगंज में अब तक रिकार्ड छह बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत का परचम लहराया है। कांग्रेस इस सीट पर पांच बार और समाजवादी पार्टी (सपा) एक बार जीत चुकी है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का इस सीट पर अब तक खाता नहीं खुला है। उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद दूसरे आम चुनाव 1957 में परिसीमन के बाद गोरखपुर जिले की महराजगंज तहसील नए संसदीय क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आयी।

1989 में मिला चौथा नंबर

महाराजगंज सीट पर बसपा ने पहला चुनाव 1989 में लड़ा। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी मिलन को 26,536 (5.46 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा प्रत्यााशी चौथे स्थान पर रहा, और उसकी जमानत जब्त हो गई। ये चुनाव जनता दल के हर्षवर्धन ने जीता था। हर्षवर्धन को 157,657 (32.42 प्रतिशत) वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह 142,667 (29.34 प्रतिशत) वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे।

1991 में पांचवें नंबर पर लुढ़की

10वीं लोकसभा के वर्ष 1991 में हुए चुनाव में बसपा प्रत्याशी आबिद हुसैन की जमानत जब्त हुई। आबिद को 29,375 (6.04 प्रतिशत) वोट मिले, और वो पांचवें नंबर पर रहे। ये चुनाव भाजपा के पंकज चौधरी ने 155,650 (31.98 प्रतिशत) वोट हासिल कर जीता।

1996 में मिला दूसरा स्थान

साल 1996 में 11वीं लोकसभा के चुनाव में बसपा ने वोट शेयर में लंबी छलांग लगाई और वो दूसरे स्थान पर रही। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी हर्षवर्घन को 149,305 (24.69 प्रतिशत) वोट मिले। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी को 182,855 (30.24 प्रतिशत) वोट मिले और वो विजयी घोषित हुए।

1998 और 1999 में तीसरा स्थान

12वीं लोकसभा के साल 1998 में हुए चुनाव में बसपा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही। बसपा प्रत्याशी प्रेम सागर पटेल के खाते में 130,166 (20.00 प्रतिशत) वोट आए। भाजपा के पंकज चौधरी ने ये चुनाव जीता। पंकज को 233,361 (35.85 प्रतिशत) वोट मिले, सपा प्रत्याशी अखिलेश सिंह दूसरे स्थान पर रहे। 1999 के आम चुनाव में बसपा का तीसरा स्थान कायम रहा, हालांकि उसके वोट शेयर में 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी जरूर हुई। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी तलत अजीज को 171,408 (25.31 प्रतिशत) वोट मिले। चुनाव सपा के अखिलेश सिंह ने जीता। भाजपा के पंकज चौधरी दूसरे स्थान रहे। अखिलेश सिंह को 239,826 (35.42 प्रतिशत) वोट मिले।

2004 में चौथे, 2009 में दूसरा नंबर

साल 2004 के आम चुनाव में भाजपा के पंकज चौधरी महाराजगंज सीट से निर्वाचित हुए। पंकज को 228,702 (30.62 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा प्रत्याशी तलत अजीज 157,438 (11.75 प्रतिशत) पाकर चौथे स्थान पर रहीं। सपा और कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। 2009 में बसपा प्रत्याशी गणेश शंकर पाण्डेय दूसरे स्थान पर रहे। ये चुनाव कांग्रेस के हर्षवर्धन ने जीता। उन्हें 36.40 फीसदी वोट हासिल हुए। बसपा प्रत्याशी को 21.67 फीसदी वोट मिले। इस चुनाव में कुल 839,206 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

पिछले दो चुनाव का हाल

2014 के आम चुनाव में बसपा प्रत्याशी काशी नाथ शुक्ल दूसरे स्थान पर काबिज हुए। काशी नाथ को 231,084 (21.80 प्रतिशत) वोट मिले। चुनाव भाजपा के पंकज चौधरी ने जीता। पंकज को 471,542 (44.47 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश और कांग्रेस के हर्षवर्धन तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। 2019 के चुनाव में सपा-बसपा के सीट बंटवारे में महाराजगंज सीट सपा के खाते में थी। सपा ने अखिलेश को मैदान में उतारा था। सपा-बसपा गठबंधन का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा। भाजपा के पंकज चौधरी 59.19 फीसदी वोट शेयर के साथ विजयी हुए। गठबंधन के प्रत्याशी के हिस्से में 31.45 फीसदी वोट आए। कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत 5.91 फीसदी वोट पाकर अपनी जमानत गंवा बैठी। इस चुनाव में कुल 12 लाख 26 हजार 916 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

2024 का आम चुनाव

18वीं लोकसभा के आम चुनाव में बसपा अकेले चुनाव मैदान में है। सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। ये सीट कांग्रेस के खाते में है। भाजपा से मौजूदा सांसद पंकज चौधरी मैदान में हैं। बसपा ने बिल्डिंग कांट्रेक्ट्रर और कोयला कारोबारी मो0 मौसमे आलम पर दांव लगाया है। कांग्रेस से फरेन्दा विधानसभा सीट के मौजूदा विधायक वीरेन्द्र चौधरी मैदान में है। यह देखना अहम होगा कि बसपा इस सीट पर जीत का खाता खोल पाती है या फिर भाजपा सातवीं जीत के साथ इतिहास रचेगी।

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