• December 27, 2025

हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों का विधानसभा परिसर में धरना, स्पीकर के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

 हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों का विधानसभा परिसर में धरना, स्पीकर के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर के इस्तीफे स्वीकार न करने का मुद्दा गरमा गया है। तीनों निर्दलीय विधायकों का विधानसभा सदस्यता से दिया गया इस्तीफा अभी तक विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मंजूर नहीं किया है। इससे नाराज निर्दलीय विधायक शनिवार को पूर्वान्ह 11 बजे विधानसभा परिसर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया इन दिनों हिमाचल से बाहर हैं। वह विदेश दौरे पर हैं और उनका मंगलवार को प्रदेश लौटने का कार्यक्रम है।

तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं। विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद इन्होंने भाजपा की सदस्यता ली और ये तीनों अपने-अपने विधानसभा हलकों से उपचुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन जब तक इनके इस्तीफे मंजूर नहीं हो जाते, वे चुनाव नहीं लड़ सकते। एक हफ्ते बाद भी इस्तीफा मंजूर न होने पर तीनों निर्दलीय विधायक स्पीकर से खफा हैं।

निर्दलीय विधायकों ने शनिवार को धरना स्थल पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि विधानसभा स्पीकर सरकार के दवाब में काम कर रहे हैं। तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्पष्ट किया कि इन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से अपने इस्तीफे दिए हैं और स्पीकर को ये तत्काल मंजूर कर लेने चाहिए।

हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे होने के बावजूद स्पीकर पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही अनदेखी से विवश होकर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बदले की भावना से काम कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। उनके परिवार के कारोबार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि वे पुराने भाजपाई हैं। पूर्व में भाजपा से विधायक भी रहे हैं और अपनी अंतरात्मा की आवाज से राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट किया है। कांग्रेस की सरकार उनके हल्के के विकास कार्यों की अनदेखी कर रही थी। अब सरकार उनके परिवार के कारोबार को नुकसान पहुंचाया जाने की मंशा से काम किया जा रहा है।

देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि हमने मर्जी से त्यागपत्र दिया है। किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। विधानसभा द्वारा हमारा त्यागपत्र स्वीकार नहीं करने पर हम धरना देने पर विवश हुए हैं।

तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को दिया था इस्तीफा

हमीरपुर से आशीष शर्मा, देहरा से होशियार सिंह व नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से केएल ठाकुर ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था। इसके बाद तीनों 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए।

विधायकों ने पहले विधानसभा सचिव को त्यागपत्र सौंपा था इसके बाद वह राज्यपाल से मिले। फिर व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात कर उन्हें भी त्यागपत्र सौंपा। पिछले माह राज्यसभा के चुनाव के बाद से ही तीनों निर्दलीय विधायक सरकार के विरुद्ध मुखर रहे हैं।

कांग्रेस के दो मंत्रियों ने की स्पीकर से शिकायत

तीनों निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र को लेकर सुक्खू सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों जगत सिंह नेगी व रोहित ठाकुर ने विधानसभा स्पीकर को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि पांच साल के लिए चुन कर आए विधायक 15 माह में त्यागपत्र दे रहे हैं। लगता है कि इन पर कोई दबाव है। इस पर स्पीकर ने निर्दलीय विधायकों को नोटिस भेज कर उनसे 10 अप्रैल को पक्ष रखने को कहा है। ऐसे में त्यागपत्र मंजूर न होने से तीनों विधायक असमंजस में हैं।

बता दें कि सूबे के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस मामले में गेंद विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डालते हुए उन्हें ही इसके लिए अधिकृत माना है। राज्यपाल का कहना है कि यह विधानसभा स्पीकर का अधिकार क्षेत्र है और इस मामले में वह हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को किया था वोट

बीते 27 फरवरी को हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के दौरान तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। हालांकि इससे पहले निर्दलीय विधायक राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *