भूमिधरी अधिकार नहीं तो होगा चुनाव का बहिष्कार : रावत

पिछले 42 वर्षों से लगातार सरकार से अपने अधिकार के लिए मांग कर रहे टिहरी से विस्थापित हुए परिवारों का दर्द आंखों से छलक पड़ा। लगातार अपने भूमि के अधिकार के लिए तीसरी पीढ़ी संघर्ष करती नजर आ रही है।
लगातार कई बैठकाें एवं सरकार से पत्राचार के पश्चात किसी प्रकार से कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में रविवार को टिहरी विस्थापित पथरी के डोब नगर पंचायत भवन में बैठक आयोजित की गई, जिसमें टिहरी विस्थापित पथरी भाग 1 से 4 के सैकड़ों लोगाें ने प्रतिभाग किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि भूमिधरी नहीं तो वोट नहीं
गौरतलब है कि टिहरी विस्थापित पथरी भाग 1 से 4 में बैनर और पोस्टर लगाकर आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की बात कही गई है। साथ ही घर-घर पर्चे बांटे गए जिसमे साफ तौर पर लिखा गया है की इस बार लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से सभी टिहरी विस्थापित बहिष्कार करेंगे।
बैठक में मौजूद पूर्व राज्यमंत्री महावीर सिंह रावत ने बताया कि आज की बैठक एक आपातकालीन बैठक के रूप में आयोजित की गई है। उन्होंने बताया की विस्थापित की जनता को जिस प्रकार बहला फुसलाकर तोड़ने का काम किया जा था है, जनता समझ गई है की ये सरकार हम लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने बताया कि लगातार 5 बार ज्ञापन देने के बाद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार कई तरह के प्रलोभन देने की कोशिश कर रही है, किंतु हम किसी प्रलोभन का शिकार नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव आचार संहिता से पहले कैबिनेट बुलाए और उसमें हमारे अधिकारों को पास करके राज्यपाल से उद्बोधन कराए, वरना इस बार चुनाव बहिष्कार के साथ-साथ धरना-प्रदर्शन के लिए सरकार तैयार रहे। उन्होंने सभी साथियों का आभार जताते हुए कहा कि सभी साथ रहेंगे तो जीत निश्चित है।
बैठक के दौरान प्रधान मंजीत सिंह खारोला, गब्बर सिंह पंवार, सोवन सिंह चौहान, महावीर सिंह खारोला, त्रेपन सिंह रावत, पूर्ण सिंह नेगी, प्रमोद नौटियाल, उमेंद्र सिंह पंवार, पूर्व प्रधान अमर सिंह खारोला, शांति देवी, बबली देवी, रेशमा देवी के साथ सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
