हिट एंड रन कानून के विरोध में रोडवेज कर्मियों ने बैठक कर बनाई हड़ताल की रणनीति

संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए सीआईटीयू से सम्बद्ध दी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के बैनर तले गुरुवार को रोडवेज कर्मचारियों ने प्रधान जसबीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक कर बस अड्डे पर धरना दिया।
यूनियन नेता जसबीर सिंह, रामपाल राविश, विजेंद्र सारण व राकेश शर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता में बनाया गया हिट एंड रन कानून केवल ट्रक ड्राइवर्स के लिए नहीं बल्कि सभी बस, कार, कैंटर, पिकअप, टेक्सी, टेम्पू, जीप, थ्रीव्हीलर, ई-रिक्शा समेत सभी निजी वाहन चलाने वालों पर भी लागू होगा। यंहा तक कि दो पहिया वाहन स्कूटर, मोटर साईकिल, स्कूटी चलाने वाले पुरुष व महिला भी इस कानून की जद में आएंगे। राज्य कैशियर जसबीर सिंह ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने यह कानून विपक्ष के 146 सांसदों को ससपेंड कर बिना किसी चर्चा के बनाए हैं। ड्राइवर्स के साथ पहले ही पुलिस व परिवहन अधिकारियों द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जाता है। इस नए कानून से तो ज्यादतियां व भृष्टाचार और ज्यादा बढ़ेगा।
यही नहीं, इस कानून से पहले 2019 में भी सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में ड्राईवर पर चालान के रूप में भारी जुर्माने थोंपे गए थे। परंतु सरकार दुर्घटना के असल कारणों से लगातार मुंह मोड़ रही है। सड़कों की कम चौड़ाई, रखरखाव, पृथकीकरण व उन पर लाईट की व्यवस्था इत्यादि की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होती है। परंतु वह अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष ड्राइवर्स पर मढ़ रही है। क्योंकि रखरखाव का सारा काम प्राइवेट कम्पनियों के हवाले कर रखा है। जिनका ध्यान सड़कों की बेहतरी की बजाए टोल वसूलने पर ही ज्यादा रहता है।
इसलिए सरकार ईमानदारी से यदि दुर्घटनाओं को रोकना व कम करना चाहती है तो अकेले ड्राइवर्स को दंडित करने की बजाए वास्तविक कारणों की पहचान कर उन समस्याओं का समाधान करें। इसलिए सीटू मांग करता है कि काले कानूनों को वापिस लिया जाए। सड़को के निजीकरण की बजाए सरकार खुद देखरेख करे। टोल वसूली बंद की जाए। ड्राइवरो के कल्याण के लिए बोर्ड का गठन किया जाए। बैठक में कशमीर सिंह, कुलदीप शर्मा, रामलाल राविश, विजेंद्र सिंह सारण, अशोक कुमार, प्रदीप कुमार सारण, गगट सिंह, जसबीर सिंह व अमित कुमार ने हिस्सा लिया।
