यूपीए सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया था : प्रदीप वर्मा

भाजपा प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने 2004-14 के दौरान देश की इकोनॉमी को खोखला करने का आरोप कांग्रेस पर लगाया। वर्मा ने कहा कि 2004-14 के दरम्यान देश में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार रही। इस दौरान देश की इकोनॉमी को खोखला कर दिया गया था। 2जी, कॉमनवेल्थ गेम्स, कैश फॉर वोट, लैंड स्कैम, शारदा चिट फंड घोटाला जैसे घोटालों की लंबी फेहरिस्त सामने आयी। संसाधनों की लूट हुई।
प्रदीप वर्मा ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर आंखें बंद रखीं। जब नरेन्द्र मोदी ने 2014 में देश की सत्ता संभाली, उस समय जर्जर इकोनॉमी व्यवस्था के साथ देश मिला। सरकार उसी समय चाहती तो श्वेत पत्र ला सकती थी, पर इससे देश का आर्थिक खोखलापन देश के सामने जाहिर होता। अब 10 साल बाद (2024) केंद्र के स्तर से श्वेत पत्र लाया गया है, जिससे पता लगता है कि देश सुरक्षित हाथों में है। अर्थव्यवस्था का कायापलट हुआ है। देश की इकोनॉमी बेहतर और तेजी से गतिशील हुई है।
वर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार के समय अर्थव्यवस्था ठहर गयी थी। मुद्रास्फीति दोहरे अंकों तक पहुंच गयी थी, जो आज पांच प्रतिशत के आसपास है। आज जीएसटी व्यवस्था के चलते डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन है और किसी भी सरकारी योजना के लिए पैसे की कमी नहीं है। यूपीएस सरकार में बहुआयामी गरीबी 29.2 प्रतिशत थी, जो अब 11.36 प्रतिशत रह गयी है। पूर्व में 350 स्टार्ट अप ही शुरू हुए थे। पिछले 10 सालों में यह एक लाख 17 हजार 257 हो गया है। पहले मेट्रो रेल 5 शहरों में ही था जो अब 20 शहरों में हो चुकी है। पूर्व में 25700 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग (लंबाई) का निर्माण हुआ जो अब 54.9 हजार किमी हो चुका है। पूर्व में हर दिन औसतन 12 किमी एनएच बनाए जाते थे जो अब 28.3 किमी हो चुका है।
