राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में विघ्न डालने वाले राक्षस : स्वामी आनंद स्वरूप
शाम्भवी पीठाधीश्वर व शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने राम मंदिर और उससे जुड़े आयोजनों का विरोध करने वाले, उस पर सवाल उठाने वालों को यज्ञ में विघ्न डालने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ है। जितने भी विघ्न उत्पन्न करने वाले हैं, सब राक्षस की श्रेणी में हैं। वह चाहे संत वेश में हों, नेता वेश में या फिर किसी अन्य वेश में हों। सब राक्षस हैं। इन्हें उसी दृष्टि से देखना चाहिए।
स्वामी आनंद स्वरूप ने हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि श्री राम जन्मभूमि स्थल पर बने भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसा लग रहा है कि भारत की प्रतिष्ठा हो रही है। इसके बाद भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। जिस प्रकार बनवास से वापस आने के बाद हिंदू जनमानस में उल्लास था, उसी प्रकार से मंदिर में प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह दिख रहा है। हम सबको तो पूछना ही नहीं कितना प्रफुल्लित हैं।
अयोध्या को कभी अछूत कह जाने के सवाल पर स्वामी जी ने कहा कि अयोध्या शुरू से अयोध्या रही है। वह राम की नगरी है। इसमें निश्चित तौर पर नाथ संप्रदाय का जो योगदान है, वह अविस्मरणीय है। गोरक्ष पीठाधीश्वर दिग्विजय नाथ जी महाराज ने मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। उनके बाद अवैद्यनाथ जी महाराज ने भूमिका निभाई और यह सौभाग्य की बात है कि अब उसी नाथ परंपरा के योगी आदित्यनाथ जी हैं। योगी के कार्यकाल में ही यह अवसर आया कि मंदिर बने। उनके लिए तो यह प्राण-प्रण का विषय था। वह पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ लगे।
दूसरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। उनके संकल्प से जम्मू कश्मीर 370 के बंधन से मुक्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बन जाएगा, नहीं जाएंगे और भव्य मंदिर निर्माण हुआ है। निश्चित तौर पर दोनों ही नेताओं का समन्वय और डबल इंजन की सरकार के प्रयास से प्राचीन नगरी अयोध्या आज जन-जन में व्याप्त है। पहले दक्षिण के लोग अयोध्या नहीं आते थे। सप्तपुरियों में होने के बाद भी अयोध्या अभिषप्त कही जाती थी, लेकिन आज हर व्यक्ति अयोध्या आने को लालायित है। अयोध्या में आज ठहने के लिए जगह नहीं है। इतनी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह दोनों महापुरुषों का प्रयास, दुनिया भर की हिंदू जनमानस की आस्था और भगवान राम के आशीर्वाद से संभव हो पा रहा है।
मुगलों के काल में इस्लाम का उत्कर्ष हुआ है। उस काल में हिंदू जनमानस बंटा था। आज भी बंटा हुआ है। कुछ तथाकथित शंकराचार्य भी विरोध कर रहे हैं। उन्हें तो शंकराचार्य भी नहीं कहा जा सकता। वह शंकराचार्य नहीं हैं। रात के बाद दिन आता है। यह हिंदू सदी है। नरेन्द्र मोदी सामने आए हैं। दुनिया हिंदुत्व की तरफ देख रही है। आज हमारा दिन आया है। भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा।
कुछ हिन्दूओं की ओर से भी राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठाने के सवाल पर स्वामी ने कहा कि विषय महत्वाकांक्षा का है। देवासुर संग्राम भी हुआ है। यह सब विघ्न डालने वाले हैं। यज्ञ किसी का हो, विघ्न डालने वाले असुर ही कहे जाएंगे। यह प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ है। जितने भी विघ्न उत्पन्न करने वाले हैं, राक्षस की श्रेणी में हैं। वह चाहे संत वेश में हों, नेता वेश में हों या फिर किसी अन्य वेश में। यह सब राक्षस हैं। इन्हें उसी दृष्टि से देखना चाहिए। इस समय विरोध का अवसर नहीं था। नरेन्द्र मोदी का राजनीति में विरोध करते, अच्छा रहता। आप चुनाव लड़कर जीत नहीं पा रहे हैं तो हिन्दुओं की आस्था पर चोट करेंगे ? जिस संत का आप विरोध सुन रहे हैं, वह एक मात्र संत हैं। कुछ लोग तो कह रहे हैं कि वह इसाईयों से पैसा लेकर कार्य कर रहे हैं।
जार्ज सोरस करवा रहा है राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का विरोध
उन्हाेंने कहा कि श्रीराम मंदिर का जो संत और हिन्दू विरोध कर रहे हैं, इन सबको जार्ज सोरस ने पैसा पहुंचाया हुआ है। सोनिया गांधी समेत अन्य लोग अचानक प्राण-प्रतिष्ठा में जाने से क्यों मना कर रहे हैं ? इसके पीछे का कारण देखेंगे तो पता चलेगा कि ईसाई धर्म का इस देश में सबसे बड़ा फाउंडर जार्ज सोरस ही निकलेगा। वह इन सबसे विरोध करवा रहा है। जिन-जिन लोगों ने जार्ज से पैसा लिया है वह सब इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दू अस्मिता पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। डेढ़ हजार साल बाद हिन्दू चेतना जो फिर से जागृत हुई है, उसे अब कोई रोक नहीं पाएगा। पहले काशी हुआ। अब अयोध्या फिर मथुरा की बारी है।
विश्व बंधुत्व की भावना को जीने वाले हिन्दुत्व के सवाल पर कहा कि हम अब भी वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ जीते हैं, लेकिन राक्षस को कुटुम्ब में नहीं रख सकते। विश्व में रहने वाला हिन्दू हमारा परिवार है। जो हमें काफिर और दुश्मन कह रहा, हमारी हत्या करने के लिए तैयार रहता है, वह हमारे कुटुम्ब का हिस्सा कैसे हो सकता है ? तो यह जो कुटुम्ब है, वह हिन्दुओं का है। डेढ़ सौ करोड़ हिन्दू थोड़े-मोड़े नहीं होते। आने वाली सदी हिन्दुओं की होगी। पहले भारत हिन्दू राष्ट्र होगा। उसके बाद नेपाल हिन्दू राष्ट्र बनेगा, फिर भूटान। और ऐसे आगे हम बढ़ते रहेंगे। सनातन संस्कृति प्राकृतिक संस्कृति है। पूरी दिनया हिन्दू होगी। कम्बोडिया, बालि, इंडोनेशिया में राम के चरित्र को दर्शाया जाता है।
शाम्भवी पीठाधीश्वर ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कम्बोडिया में है। भारत में नहीं है। हमारी संस्कृति कितनी विस्तारित थी। हम उस विश्व को परिवार कहते हैं। परिवार हमारा सुदृढ़ है। बहुत दिनों बाद ऐसा प्रयास हुआ है जिससे पूरे विश्व का हिन्दू अपने नेता, अपने अगुआ और अपने राम की ओर देख रहा है। वास्त में तो मोदी में ही लोग राम को देख रहे हैं। वैश्विक हिन्दू नेता के रूप में मोदी का उदय हुआ है। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में हिन्दू मंदिर बन रहे हैं। यहां तक कि यूएई में भी मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस सबके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ही प्रयास है। जहां हम सोच भी नहीं सकते थे, सऊदी अरेबिया में भी मंदिर बन रहा है। यह सब एक व्यक्ति की सोच की वजह से हो पा रहा है। इसीलिए तो मैं कह रहा हूं कि जिस प्रकार से भगवान राम ने पहले बालि को फिर विभीषण को राजा बनाया। वहां धर्म की स्थापना की। ऐसे ही सम्पूर्ण विश्व में नरेन्द्र मोदी धर्म की स्थापना कर रहे हैं। हम सब आज प्रफुल्लित हैं।




