• October 18, 2025

आपदा में अवसर! भारत की समृद्ध कला से निखरेगा इजरायल

 आपदा में अवसर! भारत की समृद्ध कला से निखरेगा इजरायल

पहली बार श्रमिकों के लिए सुनहरा मौका… अब देश से बाहर इजरायल में भी भारत की समृद्ध कला की झलक दिखेगी। इजरायल और हमास के बीच युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त हुई इमारतों को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश के कारीगरों को भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश से इजरायल पहुंचकर कारीगर वहां की इमारतों को अपनी कारीगरी से निखारेंगे।

श्रम विभाग की टीम कारीगरों की तलाश कर उनकी लिस्ट तैयार करने में जुटी हुई है। इन मजदूरों का सारा खर्च एक निजी कंपनी उठाएगी और काम के लिए कारीगरों को मोटी रकम भी देगी। इसके लिए उन्हें विभिन्न स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करना होगा। सभी मापदंडों पर खरे उतरने के बाद उन्हें इजराइल भेजा जाएगा।

आपदा में अवसर जैसी स्थितियां श्रम विभाग से पंजीकृत श्रमिकों के लिए बनती दिख रही है। वह श्रमिक जो निर्माण कामगार के अंतर्गत प्लास्टरिंग, सिरेमिक टाइल लगाने का अनुभव, फ्रेम वर्क, शटरिंग, बढ़ई व लोहा वेल्डिंग आदि का अनुभव रखते हों। ऐसे श्रमिकों की मांग इजरायल ने भारत सरकार से की है। इजरायल जाने वाले श्रमिकों को वहां प्रतिमाह 1.40 लाख रुपये वेतन मिलेगा। अतिरिक्त समय कार्य करने पर ओवरटाइम मजदूरी मिलेगी, जो वापस लौटने के बाद सीधा उनके खाते में आ जाएगा।

इस बाबत सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह ने बताया कि इजरायल में बिल्डिंग निर्माण से संबंधित मजदूरों को इजरायल भेजा जाना है। इसमें चार प्रकार के कारीगर ही भेजे जाएंगे। ऐसे कारीगर जो टाइल्स लगाना जानते हों, वेल्डिंग का फ्रेम बनाना जानते हों, राजमिस्त्री हों जिन्हें कुशलतापूर्वक चिनाई का काम आता हो और आयरन बेल्डिंग करने वाले होशियार कारीगरों को चुनकर भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि फिलहाल श्रम विभाग में पंजीयन कराते समय 301 लोगों ने विदेश में काम करने की सहमति जताई है। आवेदक के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है। आने-जाने का खर्चा स्वयं वहन करना होगा। साक्षात्कार के बाद श्रमिकों का चयन किया जाएगा। हालांकि 301 में से लगभग 150 श्रमिकों के पास पहले से पासपोर्ट है। लखनऊ में इजरायल की कंपनी श्रमिकों का चयन करेगी। चयनित सभी श्रमिकों से तीन वर्ष तक कार्य करने का अनुबंध किया जाएगा। इजराइल जाने वाले कारीगर अपनी स्वेच्छा से बीच में घर आ-जा सकेंगे।

दिल्ली की बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टूब्रो भेजेगी इजरायल

भारत सरकार ने दिल्ली की बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टूब्रो पूरे प्रदेश में पंजीकृत श्रमिकों का चयन कर इजरायल भेजने की जिम्मेदारी सौंपी है। वैसे योगी सरकार उत्तर प्रदेश से लगभग 10,000 निर्माण श्रमिक इजरायल भेजे जाने का प्रयास कर रही है।

इजरायल की पीआईबीए एजेंसी करेगी भर्ती

इजरायल सरकार ने युद्ध से उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत भारत से निर्माण श्रमिकों को भेजे जाने के लिए, इजरायल में निवास, रोजगार दिए जाने की कार्यवाही कौशल विकास एवं उद्यम शीलता मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत एजेंसी एनएसडीसी इंटरनेशनल व इजरायल सरकार के अधीन कार्यरत् एजेंसी पीआईबीए करेगी। निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजे जाने की कार्यवाही उपरोक्त एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर श्रम एवं सेवायोजन तथा व्यवसायिक शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है।

भारतीयों के लिए नया होगा इजरायल का कंस्ट्रक्शन सेक्टर

इजराइल और हमास के बीच कई महीनों से चल रहे युद्ध में दोनों जगहों में काफी जान माल का नुकसान हुआ है। अस्पताल, स्कूल, सड़क, सरकारी इमारतें बड़े पैमाने पर बमबारी से धराशायी हुई हैं। ऐसे में इजराइल एक बार फिर आम जनजीवन को सहायता मुहैया कराने में जुट गया है। इसके लिए निर्माण कार्यों को फिर शुरू किया जा रहा है। इजराइल सरकार तेजी से आम जनता से जुड़ी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में जुट गई है। गौरतलब है कि इजरायल सरकार ने भारत सरकार से एक लाख कामगारों की मांग की थी। इजरायल में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 25 प्रतिशत फिलिस्तीनी नागरिक काम करते थे, लेकिन जंग के बाद करीब एक लाख फिलिस्तीनियों को देश से बाहर कर दिया गया। इजरायल का कंस्ट्रक्शन सेक्टर भारतीयों के लिए नया होगा।

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Rama Niwash Pandey

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