• October 21, 2025

खान सुरक्षा महानिदेशक ने डीसी रेल लाइन पर मंडरा रहे भू-धंसान के खतरे को दोहराया

 खान सुरक्षा महानिदेशक ने डीसी रेल लाइन पर मंडरा रहे भू-धंसान के खतरे को दोहराया

खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) ने रविवार को 123वां स्थापना दिवस मनाया। धनबाद स्थित खान सुरक्षा महानिदेशालय के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में खान सुरक्षा महानिदेशक प्रभात कुमार, निदेशक गण सहित तमाम डीजीएमएस के अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोल इंडिया के चेयरमैन पीएन प्रसाद शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि 1902 में खान निरीक्षण ब्यूरो की स्थापना की गई थी, जिसका मुख्यालय कोलकाता में था। खान निरीक्षण ब्यूरो का ही बदला रूप डीजीएमएस धनबाद में है।

कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में डीजीएमएस के महानिदेशक ने बताया कि खान सुरक्षा महानिदेशालय के प्रयासों का ही फल है कि खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं का दर अब 10वें स्थान से भी नीचे है। उन्होंने कहा कि डीजीएमएस हर साल न सिर्फ हजारों मजदूरों की जान बचाती है, बल्कि लाखों टन मिनिरल्स का भी संरक्षण करती है। उन्होंने कहा कि आज देश में खनिज की मांग काफी बढ़ गई है, जिस वजह से प्रोडक्शन भी कई गुणा बढ़ गया है। ऐसे में डीजीएमएस का काम भी काफी बढ़ गया है लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए। यही कारण है कि खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं में काफी कमियां आई है।

उन्होंने इस मौके पर धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर मंडराते खतरे को एक बार फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि डीसी रेल लाइन पर खतरा है लेकिन रेलवे, बीसीसीएल, आईएसएम आईआईटी और सिम्फ़र जैसी संस्थाएं लगातार इसपर अपनी नजर नजर रखे हुए हैं और इसका रिपोर्ट भी लगातार डीजीएमएस को भेजा जा रहा है ताकि समय रहते खतरे को देखते हुए सुरक्षात्मक कदम उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में बीसीसीएल को भी साफ निर्देश दिए गए है कि वो रेल लाइनों की तरफ कोयला उत्खनन का कार्य नही करेगी।

इस मौके पर मौजूद कोल इंडिया के चेयरमैन पीएन प्रसाद ने कहा कि डीजीएमएस एक महान संस्थान है। करीब 1774 से कोल माइनिंग भारत में हो रहा है। ऐसे में पहले कई दुर्घटनाएं हुईं, जिसको रोकने के लिए 1902 में डीजीएमएस की स्थापना की गई। इसके बाद से दुर्घटनाओं में काफी कमियां आई है। विकसित राष्ट्रों के तुलना में अब कोल इंडिया कोयले का उत्पादन ज्यादा और सुरक्षित ढंग से कर रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे केंद्र सरकार और डीजीएमएस का लक्ष्य जीरो एक्सीडेंट है, जो फिलहाल हम उस लक्ष्य को पूरा तो नहीं कर पा रहे लेकिन पहले की अपेक्षा अब कोल इंडिया के सभी अंगों में दुर्घटनाएं काफी हद तक कम हो गई है।

उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कोल इंडिया प्रतिबद्ध है। आने वाले अगले तीन वर्षो में तीन गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल अभी कोल इंडिया 1.30 गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। कुल मिलाकर आने वाले समय में कोल इंडिया 5 गीगावॉट तक सौर ऊर्जा का उत्पादन करने लगेगा। इसके अलावा 22 सौ हेक्टेयर भूमि पर पौधा रोपण का कार्य भी किया गया है। इसके साथ एयरकंडीशनर, एलईडी लाइट वगैरह पर भी कार्य किया जा रहा है, ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम कर पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग से बचाया जा सके।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *