जन्मदिन पर मायावती का बड़ा ऐलान, विपक्षी एकता को झटका, बसपा का गठबंधन से इनकार
बसपा प्रमुख मायावती ने आज अपने जन्मदिन पर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने आने वाले चुनाव में विपक्षी एकता लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर यह साफ कर दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव और कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी से गठबंधन नही करेगी। उन्होंने यह भी साफ कहा कि जब-जब बैलट से चुनाव हुए बसपा का जनाधार बढ़ा है और वोटिंग प्रतिशत अधिक रहा है, लेकिन ईवीएम से चुनाव होने पर इसमें फर्क पड़ा है। उन्होंने भाजपा की जीत को ईवीएम का कमाल बताया है।
बसपा सुप्रीमो ने पार्टी कार्यालय पर जन्मदिन के मौके पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कुछ पार्टियां बसपा से गठबंधन का भ्रम फैला रही है इसलिए वह साफ कर देना चाहती हैं कि वह बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेंगी।गठबंधन करने पर उनको कोई फायदा नहीं होता है उनका वोट जरूर दूसरी पार्टियों को चला जाता है लेकिन उनको कोई फायदा नहीं मिलता है।
ईवीएम से मतदान उठाया सवाल
मायावती ने ईवीएम से मतदान को लेकर कहा कि इसको लेकर आशंकाएं जरूर है जहां ईवीएम से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई वहां गड़बड़ियों के बाद इसे बंद कर दिया गया लेकिन अपने देश में अभी भी ईवीएम से चुनाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव जब तक हुआ उनकी पार्टी की सीटों में बढ़ोतरी हुई लेकिन ईवीएम से चुनाव होने के बाद इस पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा निवेश के नाम पर पब्लिसिटी कर रही है। हमारी पार्टी को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है।हमारी पार्टी गरीबों दलितों व पिछड़ों की पार्टी है।किसानों और मजदूरों के साथ इस सरकार में अन्याय हो रहा है ।
बधाई देने वाले शुभचिंतकों का आभार जताया
मायावती ने जन्मदिन पर बधाई देने वाले शुभचिंतकों का आभार जताया। उन्होंने दलितों गरीबों शोषित और पिछड़ों उपेक्षित व अल्पसंख्यकों का आवाहन किया कि वे बसपा के साथ जुड़कर केंद्र व राज्य सरकार के सत्ता की चाभी अपने हाथों में लाएं।आरक्षण को लेकर मायावती ने कांग्रेस भाजपा व सपा पर हमला किया। मायावती ने कहा कि ओबीसी को आरक्षण ना देने का खेल खेला गया इससे यूपी में निकाय चुनाव प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि इसी तरीके से मंडल कमीशन को नहीं लागू होने दिया गया सपा गवर्नमेंट सरकार में 17 ओबीसी जातियों को एससी में कर कर उनका हक मारा गया हक मारा कोर्ट से फटकार के बाद उन्होंने ओबीसी जातियों में शामिल किया गया इसी तरीके से पदोन्नति में आरक्षण का मामला जानबूझकर सरकारों ने फसाया उन्होंने कहा कि बसपा आरक्षण के समर्थक रही है और जब भी सत्ता में आई है उसने आरक्षण देने में किसी तरीके से कोई चूक नही किया।