धान खरीद लिमिट घटाना किसानों के हित में नहीं : एनएसयूआई
प्रदेश में भाजपा की सरकार बैठते ही समर्थन मूल्य पर की जा रही धान की खरीद लिमिट घटा दिए हैं, इससे आक्रोशित एनएसयूआई के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सदस्यों ने कहा कि लिमिट घटाना किसानों के हित में नहीं है। व्यवस्था में सुधार होना चाहिए।
एनएसयूआई प्रदेश महासचिव गौतम वाधवानी, हितेश गंगबीर, ऋषभ ठाकुर, विष्णु सिन्हा, विक्रम साहू, देवेंद्र देवांगन, पंकज देवांगन, आर्यन चंदेल, भूपेंद्र साहू, तोगेश साहू, गौतम साहू ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बैठते ही समर्थन मूल्य पर धान की खरीद का लिमिट घटा दिया है, इससे धान बेचने पहुंच रहे किसानों एवं समितियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एनएसयूआई प्रदेश महासचिव गौतम वाधवानी ने बताया कि प्रत्येक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में धान खरीद हर रोज 1200 से 1500 क्विंटल की खरीद हो रही थी, लेकिन जैसे ही तीन दिसंबर के बाद सरकार बदली तो पोर्टल में खरीदी का लक्ष्य 300 से 400 क्विंटल घटा दिया गया। इससे धान की खरीद कम हो गई है।
किसानों का धान समय सीमा में नहीं खरीदा जा रहा है। एक तरफ भाजपा की सरकार 21 क्विंटल धान खरीद की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ लक्ष्य से खरीद कम करना दोहरे चरित्र को दर्शाता है। ऐसे खरीद चलती रही तो 31 जनवरी तक भी किसानों का पूरा धान नही खरीदा जा सकता, ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचा उठाना पड़ेगा। तोगू साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि नारायणपुर के कुकड़ाझोर गांव में रहने वाले एक किसान ने कर्ज में दबने के कारण आत्महत्या कर जान दे दी। ऐसे में उनके परिवार का दर्द तो कोई कम नहीं कर सकता, लेकिन प्रदेश में बैठे भाजपा की सरकार तत्काल उनके परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा राशि देकर राहत पहुंचाए। हितेश गंगबीर ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उप मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में छोटे किसानों का दो-दो लाख कर्ज माफी करने जो वादा किया है, उसे तत्काल प्रभाव से माफ करें, ताकि किसानों को राहत मिल सके।




