• December 28, 2025

उत्साह से मनाया गया छठ पर्व, आतिशबाजी कर बांटी खुशियां

 उत्साह से मनाया गया छठ पर्व, आतिशबाजी कर बांटी खुशियां

सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा की शहर में धूम रही। सूर्य को प्रसन्न करके संतान की मनोकामना तथा परिवार की सुख समृद्धि का छठ पर्व उल्लास से मनाया गया। सोमवार अलसुबह पोस्ट आफिस और आंबेडकर वार्ड की सीमा से लगे आमातालाब में उत्तरभारतीय और बिहार से धमतरी आकर बसे लोगों ने सामूहिक पूजा अर्चना की। तालाब किनारे गन्ने का मंडप सजाकर सभी व्रतिधारी महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा की। यहां पर बच्चों ने आतिशबाजी भी की।

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। सोमवार 20 नवंबर को अलसुबह से ही यहां लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। सूर्योदय के समय सूर्य देवता को अर्ध्य देकर पूजा की गई। वृतिधारी महिलाओं ने तालाब के घुटने व कमर भर तक पानी में खड़े होकर पूजा की, इस दौरान काफी संख्या में लाेग मौजूद थे। सभी ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की। बच्चों व बड़ों ने आतिशबाजी की। पूजा अर्चना के बाद सभी को प्रसाद बांटा गया। इस अवसर पर विनोद चौधरी, राजू गुप्ता, रामभुवन कुशवाहा जयप्रकाश झा,रामकुमार अकेला, कृष्णा यादव, अशोक चौधरी, अमित सिंह डिगेश शर्मा, सागर मिश्रा, विवेक चौधरी, अभिषेक चौधरी, चंदन यादव, प्रभात यादव, अनामिका चौधरी, परमिला चौधरी, सुनिता यादव,दिप्ती शर्मा, ममता मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

समाज के प्रकाश झा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा की जाती है। सूर्य उपासना का यह महापर्व सूर्य को प्रसन्न् करके संतान की मनोकामना तथा कुशलता के लिए मनाया जाता है। पूजन में अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए मालूम हो कि कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को यह व्रत आरंभ होता है। इसी दिन व्रतिधारी स्नान करके नए वस्त्र धारण करते हैं। दूसरा दिन खरना होता है। कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना बोलते हैं। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती भोजन करते हैं। तीसरे दिन को षष्ठी कहते हैं। इस दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाते हैं। इस दिन ठेकुआ या टिकरी बनाते हैं। प्रसाद तथा फल से बांस की टोकरी सजाई जाती है। टोकरी की पूजा कर व्रती सूर्य को अर्ध्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते हैं। चौथे दिन को सप्तमी कहा जाता है। इस दिन प्रात: सूर्योदय के समय विधिवत पूजा कर प्रसाद वितरित किया जाता है।

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