उप्र. की निलंबित एसडीएम ज्योति मौर्य की याचिका पर केंद्र सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की निलंबित एसडीएम ज्योति मौर्य की निजी जिंदगी से जुड़ी फर्जी खबरें, ऑडियो-वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
ज्योति मौर्य ने याचिका दाखिल कर मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खुद को लेकर हो रही रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में मुख्यधारा की मीडिया के अलावा यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ज्योति मौर्य के खिलाफ मौजूद खबरें, आडियो, वीडियो, भद्दे गानों इत्यादि को हटाने का दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की गई है।
याचिका में समाचार चैनलों को याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी सामग्री साझा न करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में ज्योति मौर्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की कोई सामग्री, समाचार, गीत, वीडियो, फोटो या व्यक्तिगत जीवन से संबंधित विचारों को सार्वजनिक डोमेन में जारी करने से पूर्व सहमति सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
ज्योति मौर्य के खिलाफ उनके पति आलोक मौर्य ने धोखा देने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य की 2010 में शादी हुई थी। बाद में 2015 में यूपीपीएससी में एसडीएम के पद पर ज्योति मौर्य का चयन हो गया। उन्होंने एसडीएम के पद पर 16वी रैंक हासिल की थी। पति आलोक मौर्या प्रतापगढ़ जिले के ग्राम पंचायत विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं।
