बुन्देलखंड में खेत तालाब योजना किसानों के लिए बनी लाइफ लाइन
हमीरपुर समेत बुन्देलखंड के ग्रामीण इलाकों में खेत तालाब योजना अब किसानों के लिए लाइफ लाइन बन गई है। पिछले छह साल पहले शुरू इस योजना में अभी तक साढ़े तीन हजार से अधिक किसानों के खेतों में तालाब खुद चुके है। वहीं इस साल खेत तालाब की डिमांड को देखते डिपार्टमेंट ने आठ सौ नए तालाब खेतों में खुदवाने की तैयारी की है। खेतों में पानी से लबालब तालाबों को देख किसान ही नहीं अधिकारियों के भी चेहरे खिल उठे है।
बुन्देलखंड के चित्रकूट धाम मंडल के हमीरपुर समेत अन्य ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2015-16 से सरकार ने खेत तालाब योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य है कि गांवों में गिरते भूगर्भ जलस्तर को सुधारने के लिए खेत तालाब योजना मील का पत्थर साबित होगी। खेत तालाब योजना को लेकर शुरू में किसानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी लेकिन कुछ ही साल में पूरे क्षेत्र में खेत तालाब योजना की डिमांड किसानों में शुरू हो गई। हालांकि अब यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई के नाम से चलाई जा रही है। जिससे किसानों के खेत अब संवरने लगे है। यहां के किसान भी इस योजना को खूब पसंद कर रहे है। क्योंकि जिन किसानों के खेतों में सरकारी मदद से तालाब खुदवाए गए है वहां भूगर्भ जलस्तर के सरकने पर ब्रेक लगा है।
सुमेरपुर क्षेत्र के पत्योरा गांव के कुलदीप सिंह चंदेल ने बताया कि कई साल पहले प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खेत में किसानों ने तालाब खुदवाया। अच्छी बारिश होने से तालाब पानी से भर गये है। बताया कि खेत तालाब से भूगर्भ जल के सरकने पर ब्रेक लगा है। अब तालाब में मत्स्य पालन कर किसानों ने अपनी तकदीर ही बदल डाली है। उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत पचास प्रतिशत अनुदान खेतों में तालाब खुदवाने पर किसानों को मिलता है। तालाब भी बड़े, और छोटे खुदवाने के लिए किसानों को अनुदान डिपार्टमेंट से दिया जा रहा है। बताया कि मौदहा क्षेत्र के करहिया, गुरदहा और रीवन समेत तमाम गांवों में खेतों में तालाब बनने के बाद भूगर्भ जलस्तर के नीचे सरकने पर ब्रेक लगा है। गांवों में पानी से तालाब भरे है। पिछले दिनों कृषि निदेशक डाँ.पंकज त्रिपाठी यहां किसानों के खेतों में पानी से भरे तालाब देखकर गदगद रह गए।
खेतों में हजारों तालाब खुदवाए जाने से किसानों की बदल गई तकदीर
उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि वर्ष 2015-16 से खेत तालाब योजना शुरू हुई थी। शुरू में हमीरपुर जिले में ढाई सौ तालाब किसानों के खेतों में भूमि संरक्षण अधिकारी ने खुदवाए है वहीं वर्ष 2017-18 में 420, वर्ष 2018-19 में 629, वर्ष 2019-20 में 601, वर्ष 2020-21 में 306, 2021-22 में 505, वर्ष 2022-23 में 693 व वर्ष 2023-24 में अभी तक 392 तालाब खेतों में खुदवाए गए है। अभी तक 3796 तालाब खेतों में खुदवाए जा चुके है। जबकि भूमि संरक्षण विभाग प्रथम और तृतीय इकाई ने भी अभी तक हजारों तालाब खेतों में खुदवाए है। इस योजना से किसानों की तकदीर ही बदल गई है।
खेतों में तालाब खुदवाने में डिपार्टमेंट ने करोड़ों रुपये का दिया अनुदान
हरीशंकर भार्गव ने बताया कि खेत तालाब योजना में एक तालाब खुदवाने में 1.14 लाख रुपये की लागत आती है। इसके लिए किसानों को डिपार्टमेंट से पचास फीसदी अनुदान भी दिया गया है। बताया कि बुन्देलखंड के चित्रकूट धाम मंडल के हमीरपुर समेत अन्य इलाकों में अभी तक हजारों की तादाद में तालाब खेतों में किसानों ने खुदवाए है जिसमें बीस करोड़ से अधिक रुपये अनुदान के तौर पर किसानों को दिया गया है। बताया कि इस साल अभी तक दो सौ तालाब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खुदवाए जा चुके है। जबकि मार्च 2024 तक 800 तालाब किसानों के खेतों में खुदवाने की तैयारी की गई है।




