विधानसभा चुनाव से पहले राठ की राजनीति में फिर उबाल

राठ क्षेत्र के नाम से अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले बहरोड में चुनावी सरगर्मियां जहां नेताओं के सर चढ़कर बोल रही है वहीं अब राजनीति के इन सिपलसहारों में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बहरोड विधायक, पूर्व सांसद एवं मंत्री रहे भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. जसवंत यादव एवं वर्तमान विधायक बलजीत यादव की जुबानी जंग ने राठ की राजनीति में बवाल मचा रखा है। वही यहां से अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे महेंद्र यादव के किस्से भी आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस और भाजपा को दरकिनार कर बहरोड की जनता ने जनता सेना प्रमुख बलजीत यादव की विधायक के रूप में ताजपोशी की लेकिन विधायक बनने के बाद से ही बलजीत अपनी कार्यशैली को लेकर बहरोड ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में चर्चित चेहरा बने हुए हैं। हाल ही में विधायक कोटे से खरीदी खेल सामग्री में हुए कथित भ्रष्टाचार की परतें उधड़ने में न केवल भाजपा के नेता बल्कि निर्दलीय के रूप में कांग्रेस पार्टी समर्पित बलजीत का कांग्रेस के ही संजय यादव डटकर खुलासा कर रहे हैं। विधायक कोटे से खरीदी खेल सामग्री की जांच कमेटी ने निविदा निरस्त करने के जो आदेश दिए चुनावी माहौल में संजय इस भ्रष्टाचार को राजनीति के दम पर भुनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र बहरोड में टीम संजय यादव के नाम से रातों-रात विधायक दे अपने भ्रष्टाचार का जवाब, जनता मांग रही 4.31 करोड रुपए का हिसाब स्लोगन के होर्डिंग लगाए गए हैं जो कि आमजन में कौतुहल का विषय बने हुए हैं।
राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए यह वास्तव में कहा नहीं जा सकता राजनितिक पंडितो के अनुसार जिस संजय यादव टीम ने 2018 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक बलजीत को चुनाव जिताने में जी जान से मदद की वही संजय की टीम अब चुनावी मुहाने पर खड़े बलजीत को चुनावी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उल्लेखनीय की एनएसयूआई से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले संजय यादव भी कांग्रेस पार्टी से बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र में प्रबल दावेदारी जता रहे हैं।
