भादरवी पूनम महामेला की शुरुआत, अंबाजी जाने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं का तांता

बनासकांठा जिले की दांता तहसील स्थित शक्तिपीठ आरासुरी अंबाजी में 7 दिवसीय भादरवी पूनम का मेला शनिवार से शुरू हो गया। अंबाजी जाने के सभी मार्ग श्रद्धालुओं के बोल मारी अंबे, जय-जय अंबे के नाद से गुंजायमान होने लगे हैं। महामेला के प्रथम दिन से हजारों की संख्या में श्रद्धालु अंबा माता के दर्शन के लिए पहुंचे। 23 से 29 सितम्बर तक चलने वाले 7 दिवसीय मेला में लाखों श्रद्धालु पदयात्रा कर माता का दर्शन करेंगे।
30 से 35 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान।
गुजरात के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक अंबाजी में शनिवार से भादरवी पूनम महामेला की शुरुआत हुई। सुबह बनासकांठा के कलक्टर वरुण वर्णवाल ने अपने परिवार के साथ पहुंच कर विधिवत रूप से अंबाजी के मंदिर के पुजारियों के साथ पूजा-अर्चना कर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रथ खींचा। इसके बाद माताजी की आरती और श्रीफल अर्पित कर मेला की शुरुआत कराई गई।
7 दिनों तक चलने वाले इस मेला में 30 से 35 लाख माता भक्तों के पैदल चलकर अंबाजी पहुंचने का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने को लेकर प्रशासन ने एक महीने से अधिक समय से तैयारी की है। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य, भोजन-पानी, साफ-सफाई समेत कई नई सेवाओं का भी इस बार शुरुआत की गई है। कई सेवाभावी संस्थाएं भी इसमें जुड़ी हैं। शिविरों के जरिए श्रद्धालुओं के लिए प्रकाश, दूध, पानी, भोजन, आवास और स्वास्थ्य संबंधी सेवा की जा रही है।
प्रशासन ने बनाए हैं 7 विशाल डोम।
अंबाजी मेला में इस बार गुजरात सरकार के यात्राधाम विकास बोर्ड की ओर से अलग-अलग डोम बनाए गए हैं। 7 विशाल डोम पालनपुर से अंबाजी हाइवे पर तैयार कराए गए हैं। इसमें श्रद्धालुओं के आराम करने से लेकर स्वास्थ्य संबंधी सभी व्यवस्थाएं की गई है। पैदल यात्रियों के दर्जनों संघ पहले दिन अंबाजी में प्रवेश कर माता का दर्शन करने पहुंचे। भादरवी पूनम मेला में किसी तरह की कमी नहीं रह जाए, इसके लिए प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है। पदयात्रियों के लिए रहने, भोजन करने, पार्किंग, मोबाइल चार्जिंग, पानी, साफ-सफाई, अग्निशमन के साधन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
इस बार डिजिटल पहल भी।
श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसके लिए इस बार डिजिटल पहल भी शुरू की गई है। अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट ने इस बार क्यूआर कोड लांच किया है। इस क्यूआर कोड की मदद से श्रद्धालुओं को भोजन व्यवस्था का सही लोकेशन मिलेगा। इसके अलावा पैदल यात्रियों को दिक्कत नहीं हो इसके लिए गब्बर पर्वत की सीढ़ियों पर सफेद रंग किया गया है। करीब 500 सफाईकर्मी व्यवस्था में जोड़े गए हैं। सुरक्षा के लिए 24 घंटे अंबाजी से लेकर दांता, आंबाघाट और हडाद से लेकर गब्बर तक घुड़सवार पुलिस समेत 6500 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को 22 सेक्टर और 484 प्वॉइंट में विभक्त किया है। इस साल भी 20 किलोमीटर की त्रिज्या में पदयात्रियों के लिए 8 करोड़ रुपये का सुरक्षा बीमा कराया गया है।
