यूपी विधानसभा सत्र : नेता प्रतिपक्ष ने किसानों का मुद्दा उठाया
उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। साथ ही जानवरों से मारे गए लोगों और कावंड़ियों, ताजिया उठाने वाले जिन लोगों की दुर्घटना में जान गई, सरकार उनके परिवारों को एक करोड़ रुपये की मदद करे।
अखिलेश यादव ने कहा कि साढ़े छह साल सरकार के हो गए। गोरखपुर कोई सड़क है जहां जलभराव न हुआ हो। क्या सरकार ने मक्का की खरीद की। क्या सरकार ने किसानों से आलू खरीदा है। गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ है। सरकार कहती है कि आम लंदन एक्सपोर्ट किया जा रहा है। आम का एक्सपोर्ट तो पहले भी किया जाता था। सरकार बताए कि चावल कितना एक्सपोर्ट हुआ। टमाटर की कीमत इतनी बड़ी कि आपके चेहरे लाल हो गए। डेरी सेक्टर के लिये अपने क्या किया ? यह सेक्टर किसानों को मजबूत कर सकती है। काऊ मिल्क प्लांट बंद होने की कगार पर है। यह सरकार डेरी को निजी हाथों में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। किसान का कैसे भला होगा।
उन्होंने कहा कि कभी सांड़, गुलदार, कुत्तों से, कभी किसी जानवर से लोगों की जान जा रही हैं। यह सरकार किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। बिजनौर, बलरामपुर और श्रावस्ती जैसे जिलों में किसानों की जान चली गयी। वे खेती नहीं कर पा रहे हैं। सपा सरकार में यदि किसानों की जान गई तो बीमा योजना के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से 10-15 लाख रुपये दिए गए। सरकार को कम से कम उतना पैसा तो देना ही चाहिए। अखिलेश ने कहा कि इस सरकार का सबसे प्रिय जानवर सांड़ है। तमाम सफारी बना रहे हैं। सरकार को सांड़ सफारी बनाना चाहिए। अखिलेश ने सांडों से लोगों की जान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आप एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना दिखा रहे हैं लेकिन इस सरकार से सांड़ नहीं संभल रहे।