• December 23, 2024

गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन

 गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन

गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्त्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन हुआ। सत्र को संबोधित करते हुए डाॅ अरुण कुमार जायसवाल ने कहा सावन मास से चतुर्मास का प्रारंभ हो जाता है।  चार महीने अन्तर्मुखी होकर साधना का काल माना जाता है। देवशयन एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक व्यक्ति अपने मन की साधना करता है। मन की सही दिशा प्रदान करता है। मन की कामना को भावना में परिवर्तित करता है। सावन का मतलव श्रवण यानी सुनना। यह सुनने का मौसम है।

गुरु ने कहा शिष्य ने सुना, श्रवण, मनन ,निधियासन, सुनना, मनन, चिंतन करना, उसे आचरण में उतारने का ये चतुर्मास है। इस चार चतुर्मास में एक मास मलेमास है। मलेमास ,मास नहीं होता है। यह विशेष महिना होता है। महिने की गणना होती है पर गिनती में नहीं होती। साल में 12 महिने होते है पर जिस साल मलेमास होता है वह 13 महिने हो जाते हैं।

इस अवसर पर उन्होंने कहा गायत्री शक्तिपीठ में नियमित रूप से जप ,प्रार्थना, हवन धान एवं रुद्राभिषेक नियमित रूप से होता है। यहाँ का वातावरण दिव्य हो गया है। गायत्री महामंत्र के जापसे हम संस्कारवान एवं विचारवान बनते हैं। प्राण का परिशोधन होता है।भावना भक्ति में बदलेगी एवं जीवन चक्र से मुक्ति मिलेगी।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *