कांग्रेस के 2 विधायक समेत 9 लोगों को हुई सजा, 11 साल पुराने मामले में फैसला
जयपुर महानगर प्रथम की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-19 (ACJM) अदालत ने करीब 11 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के दो मौजूदा विधायकों और एक पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सहित कुल 9 लोगों को एक-एक साल की कैद की सजा सुनाई है। यह मामला 13 अगस्त 2014 को राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर जेएलएन मार्ग को करीब 20 मिनट तक जाम करने से जुड़ा है।
लंबी सुनवाई और ट्रायल के बाद सजा का ऐलान
अदालत ने सभी 9 आरोपियों को रास्ता रोकने (धारा 341 आईपीसी) और विधि विरुद्ध जमाव करने (धारा 143 आईपीसी) का दोषी पाया है। सजा पाने वालों में लाडनू से विधायक मुकेश भाकर, शाहपुरा से विधायक मनीष यादव और झोटवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी शामिल हैं। इनके अलावा, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानूप्रताप सिंह और विद्याधर मील को भी इस मामले में दोषी ठहराते हुए एक-एक साल की सजा सुनाई गई है। पुलिस ने इस मामले में 11 अगस्त 2016 को चालान पेश किया था। लंबी सुनवाई और ट्रायल के बाद कोर्ट ने सभी 9 लोगों को दोषी करार दिया और आज उन्हें सजा का ऐलान किया गया।
स्मार्टफोन योजना को फिर से शुरू करने की वकालत
वहीं, एक अन्य खबर में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पिछली सरकार की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना को फिर से शुरू करने की वकालत की है। उन्होंने इस योजना को वंचित वर्ग को डिजिटल रूप से सशक्त करने वाली बताते हुए कहा कि इससे कई छात्रों को अपनी पढ़ाई में मदद मिली है, जिसका ताजा उदाहरण नीट-यूजी 2025 में सफल हुए एक छात्र श्रवण कुमार हैं।
गहलोत ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – स्नातक’ (नीट-यूजी) 2025 में उत्तीर्ण हुए श्रवण कुमार से वीडियो कॉल पर बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए यह बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना और श्रवण की मेहनत से बदली तकदीर।” उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के सभी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने के लिए यह योजना चलाई थी, जिसके तहत करीब 40 लाख महिलाओं तक स्मार्टफोन पहुंचे।
