भारत के सबसे बड़े परोपकारी बने शिव नाडर — रोज़ाना ₹7.4 करोड़ दान, अंबानी-अडानी भी सूची में शामिल
नई दिल्ली, 7 नवंबर: भारत के उद्योगपतियों में समाजसेवा की भावना लगातार मजबूत हो रही है। एडलगिव–हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2025 के अनुसार, देश के 191 सबसे अमीर व्यक्तियों ने वर्ष 2024-25 में कुल ₹10,380 करोड़ का दान किया। इस सूची में एक बार फिर HCL टेक्नोलॉजीज के संस्थापक शिव नाडर शीर्ष स्थान पर रहे हैं।
शिव नाडर — भारत के सबसे बड़े परोपकारी
शिव नाडर ने इस वर्ष कुल ₹2,708 करोड़ का दान किया, यानी औसतन हर दिन ₹7.4 करोड़। यह लगातार दूसरा साल है जब वे देश के शीर्ष परोपकारी बने हैं।
उनकी संस्था शिव नाडर फाउंडेशन शिक्षा, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सक्रिय है, जो देशभर में स्कूल, विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र चला रही है।
शीर्ष 10 परोपकारियों की सूची
- शिव नाडर व परिवार – ₹2,708 करोड़
- मुकेश अंबानी व परिवार – ₹626 करोड़
- बजाज परिवार – ₹446 करोड़
- कुमार मंगलम बिड़ला व परिवार – ₹440 करोड़
- गौतम अडाणी व परिवार – ₹386 करोड़
- नंदन निलेकणी – ₹365 करोड़
- हिंदुजा परिवार – ₹298 करोड़
- रोहिणी निलेकणी – ₹204 करोड़
- सुधीर और समीर मेहता – ₹189 करोड़
- रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (CSR खर्च) – ₹1,309 करोड़
महिलाओं में रोहिणी निलेकणी सबसे आगे
महिला परोपकारियों की सूची में रोहिणी निलेकणी ने ₹204 करोड़ का दान देकर शीर्ष स्थान हासिल किया है।
वे शिक्षा, जल प्रबंधन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रही हैं।
दूसरे स्थान पर किरण मजूमदार-शॉ हैं, जिन्होंने ₹83 करोड़ का योगदान दिया।
युवा दानवीरों में कामत बंधु आगे
युवा परोपकारियों में ज़ेरोधा के संस्थापक नितिन और निखिल कामत शीर्ष पर रहे। दोनों ने मिलकर ₹147 करोड़ का दान दिया।
दूसरे स्थान पर फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल रहे, जिन्होंने ₹18 करोड़ का दान दिया।
इन युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर काम शुरू किया है।
पेशेवर प्रबंधकों का योगदान भी बढ़ा
इस साल परंपरागत उद्योगपतियों के अलावा पेशेवर प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े कई लोगों ने भी समाजसेवा में योगदान दिया —
- ए.एम. नाइक (L&T) – ₹54 करोड़
- अमित चंद्रा और अर्चना चंद्रा – ₹47 करोड़
- प्रशांत प्रकाश और अमिता प्रकाश – ₹17 करोड़
CSR में भी कंपनियों ने बढ़ाई हिस्सेदारी
सरकार के नियम के अनुसार कंपनियों को अपने मुनाफे का 2% CSR पर खर्च करना होता है, लेकिन कई कंपनियों ने इससे अधिक राशि दान की —
- रिलायंस इंडस्ट्रीज़ – ₹1,309 करोड़ (₹261 करोड़ अधिक)
- रुंगटा सन्स – ₹181 करोड़ (₹114 करोड़ अधिक)
- जिंदल स्टील एंड पावर – ₹267 करोड़ (₹100 करोड़ अधिक)
पिछले साल से 26% बढ़ा शिव नाडर का योगदान
वर्ष 2023-24 में शिव नाडर ने ₹2,153 करोड़ का दान किया था, जो इस वर्ष बढ़कर ₹2,708 करोड़ हो गया। यानी 26% की वृद्धि।
पिछले वर्ष शीर्ष 10 परोपकारियों ने कुल ₹4,625 करोड़ का दान किया था, जो कुल दान का लगभग 53% था।
निष्कर्ष — भारत में बढ़ रही है परोपकार की संस्कृति
इस सूची से साफ है कि भारत में परोपकार की भावना पहले से कहीं अधिक प्रबल हुई है।
जहां एक ओर शिव नाडर और इंफोसिस फाउंडर्स ने शिक्षा और तकनीकी विकास में नई मिसाल कायम की है, वहीं युवा उद्यमी और महिलाएं भी समाजसेवा के नए अध्याय लिख रहे हैं। यह बदलाव बताता है कि नया भारत सिर्फ आर्थिक प्रगति ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।