• July 1, 2025

इजरायली हमले में मारे गए 6 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक: सेंट्रीफ्यूज विशेषज्ञ से रिएक्टर डिजाइनर तक

13 जून 2025 की रात इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों ने मध्य-पूर्व को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया। “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत नतांज यूरेनियम संवर्धन सुविधा और तेहरान के अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में ईरान के छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक—अब्दुल हमीद मिनोउचहर, अहमदरजा ज़ोल्फ़ाघारी, सैयद अमीरहोसेन फेक्ही, मोत्लाबीज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तहरेनची, और फेरेदून अब्बासी—मारे गए। इन वैज्ञानिकों की हत्या ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गहरा झटका दिया है और क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। आइए, इन वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता और इस हमले के प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।
1. अब्दुल हमीद मिनोउचहर: सेंट्रीफ्यूज का मास्टर

अब्दुल हमीद मिनोउचहर नतांज की यूरेनियम संवर्धन सुविधा में सेंट्रीफ्यूज डिजाइन और संचालन के विशेषज्ञ थे। उन्होंने उन्नत सेंट्रीफ्यूज तकनीक पर काम किया, जो उच्च संवर्धित यूरेनियम उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी विशेषज्ञता ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गति दी थी। उनकी मृत्यु से सेंट्रीफ्यूज प्रौद्योगिकी में ईरान की प्रगति को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि ऐसे विशेषज्ञों को तैयार करने में वर्षों लगते हैं।
2. अहमदरजा ज़ोल्फ़ाघारी: रिएक्टर डिजाइनर

अहमदरजा ज़ोल्फ़ाघारी अराक में भारी जल रिएक्टर परियोजना के प्रमुख डिजाइनर थे। यह रिएक्टर संभावित रूप से प्लूटोनियम उत्पादन के लिए इस्तेमाल हो सकता था, जो परमाणु हथियार निर्माण में महत्वपूर्ण है। उनकी तकनीकी दक्षता ने ईरान के रिएक्टर प्रौद्योगिकी को मजबूत किया था। उनकी हत्या ने ईरान की रिएक्टर विकास योजनाओं पर गहरा असर डाला है।
3. सैयद अमीरहोसेन फेक्ही: सेंट्रीफ्यूज कैलिब्रेशन विशेषज्ञ

सैयद अमीरहोसेन फेक्ही उन्नत सेंट्रीफ्यूज कैलिब्रेशन और टेस्टिंग में माहिर थे। वह नतांज में गोपनीय शोध कार्यों में शामिल थे और संवर्धन दक्षता बढ़ाने में योगदान दे रहे थे। उनकी मृत्यु ने ईरान के सेंट्रीफ्यूज प्रोग्राम को कमजोर किया है, क्योंकि उनकी विशेषज्ञता को दोहराना आसान नहीं होगा।
4. मोत्लाबीज़ादेह: तकनीकी शोध विशेषज्ञ

मोत्लाबीज़ादेह, जिन्हें केवल उनके उपनाम से जाना जाता है, एक परमाणु तकनीशियन या शोध विशेषज्ञ थे। वह यूरेनियम संवर्धन श्रृंखला में प्रयोगशाला आधारित शोध और गुणवत्ता नियंत्रण में शामिल थे। उनकी भूमिका भले ही कम प्रचारित थी, लेकिन उनकी मृत्यु से ईरान के शोध कार्यों में रुकावट आएगी।
5. मोहम्मद मेहदी तहरेनची

मोहम्मद मेहदी तहरेनची इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री थे। वह परमाणु भौतिकी में विशेषज्ञ थे। 
6. फेरेदून अब्बासी: परमाणु नेतृत्व का चेहरा

फेरेदून अब्बासी, ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख, सेंट्रीफ्यूज प्रौद्योगिकी और यूरेनियम संवर्धन के विशेषज्ञ थे। 2010 में उन पर हुए कार बम हमले में वह बच गए थे, लेकिन इस बार इजरायली हमले में उनकी जान चली गई। उनकी मृत्यु ने ईरान के परमाणु नेतृत्व को गहरा आघात पहुंचाया।
हमले का प्रभाव: ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर झटका

इजरायल के इस हमले ने नतांज की परमाणु सुविधा को भारी नुकसान पहुंचाया, जहां ये वैज्ञानिक काम कर रहे थे। विश्लेषकों का मानना है कि इन छह वैज्ञानिकों की हत्या से ईरान का परमाणु हथियार विकास 1-2 साल पीछे खिसक सकता है। इनमें से प्रत्येक वैज्ञानिक की विशेषज्ञता—सेंट्रीफ्यूज डिजाइन, रिएक्टर विकास, और संवर्धन प्रौद्योगिकी—अनमोल थी।
ईरान की प्रतिक्रिया: बदले की चेतावनी

ईरान ने इस हमले को “आतंकवादी कृत्य” करार दिया और “कुचल देने वाली प्रतिक्रिया” की धमकी दी। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा, “जायोनी शासन अपने इस अपराध की भारी कीमत चुकाएगा।” तेहरान में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, वैज्ञानिकों और मारे गए सैन्य कमांडरों, जैसे हुसैन सलामी, को श्रद्धांजलि देने के लिए। ईरान ने नतांज में नई संवर्धन साइट खोलने की घोषणा की है।
इजरायल का रुख: सुरक्षा का दावा

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियारों को रोकने के लिए जरूरी था। उन्होंने ईरानी जनता से कहा, “हमारी लड़ाई आपके शासन के खिलाफ है, न कि आपसे।” IDF ने दावा किया कि हमले में सैन्य और परमाणु ठिकाने नष्ट किए गए, जिससे ईरान की हथियार बनाने की क्षमता कमजोर हुई।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं: युद्ध का डर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को बातचीत की सलाह दी, लेकिन चेतावनी दी कि और हमले “अधिक क्रूर” होंगे। यूरोपीय संघ, सऊदी अरब, रूस, और चीन ने हमले की निंदा की और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका जताई। संयुक्त राष्ट्र में ईरान ने आपात बैठक की मांग की है।
निष्कर्ष: अनिश्चित भविष्य
इन छह परमाणु वैज्ञानिकों—अब्दुल हमीद मिनोउचहर, अहमदरजा ज़ोल्फ़ाघारी, सैयद अमीरहोसेन फेक्ही, मोत्लाबीज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तहरेनची, और फेरेदून अब्बासी—की हत्या ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर कर दिया है। लेकिन ईरान की बदले की धमकी और क्षेत्रीय तनाव ने मध्य-पूर्व को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। क्या यह संघर्ष शांति की ओर बढ़ेगा या विनाश की ओर, यह समय बताएगा।
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Rama Niwash Pandey

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