समाजजनों को 211 झूलेलाल मूर्तियों का किया नि:शुल्क वितरण

गणेश उत्सव की भांति झूलेलाल उत्सव के रुप में मनाया जा रहा है। इसके तहत घर-घर भगवान झूलेलाल की मूर्ति स्थापित की गई है। समाजप्रमुखों का कहना है कि नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने व समाज से जोड़ने के लिए सिंधी समाज द्वारा भगवान झूलेलाल की मूर्ति स्थापना शुरुआत की गई।
हर साल गणेश उत्सव की भांति झूलेलाल उत्सव के रुप में मनाया जाता है। महोत्सव के तहत इस साल लगभग 211 लोगों को भगवान झूलेलाल की मूर्ति निश्शुल्क बांटी गई है। सिंधी समाज को चेट्रीचंड महोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। है। इस बार यह पर्व 10 अप्रैल को पूरी आस्था एवं उल्लास से मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत पांच अप्रैल को सिंधी भाषा फिल्म प्रदर्शन के साथ हुआ। वहीं छह अप्रैल को कोष्टापारा वार्ड स्थित भगवान झूलेलाल मंदिर में ईस्टदेव वरुण अवतार भगवान झूलेलाल की मूर्ति वितरण बाबा गुरुमुख दास सेवा समिति एवं पूज्य पंचायत सिंधी समाज के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। मूर्ति स्थापना शुरु करने के बारे में पूज्य पंचायत सिंधी समाज अध्यक्ष चंदूलाल जसवानी, हंसराज मूलवानी, सुरेश अडवानी, राजु भोजवानी, गोवर्धन चांवला, रमेश वलयानी बताया कि समाज के कुछ नई पीढ़ी अपनी संस्कृति से भटकने लगे थे। उन्हें यह भी पता नहीं है कि परंपरागत ढंग से किस प्रकार भगवान झूलेलाल की आरती एवं पूजा करना चाहिए। ऐसे भटके हुए युवा वर्ग व बच्चों को धर्म एवं संस्कृति से अवगत कराने तथा जोड़ने मूर्ति उत्सव की शुरुआत पहले समाज के वरिष्ठो द्वारा प्रदेश स्तर पर की गई। इसे बेहतर रिस्पांस मिला। पिछले पांच साल से उक्त अनूठे उत्सव की शुरुआत धमतरी में की गई। जिस तरह गणेश की मूर्ति घरो में विराजित कर उत्सव मनाया जाता है। ठीक उसी तरह भगवान झूलेलाल की मूर्ति भी सिंधी समाज के घरों में विराजित कर विधि विधान से पूजा की जाती है, जो कि पांच दिनों का उत्सव रहता है। इसकी शुरुआत छह अप्रैल से हो गई है। पांच दिन तक भगवान झूलेलाल घर- घर पूजे जाएंगे। चेट्रीचंड महोत्सव के दूसरे या तीसरे दिन उक्त प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
