सिद्धारमैया कैंप में बढ़ी बेचैनी? करीबी G Parameshwara बोले, ‘DK Shivakumar स्वीकार, मगर High Command की मुहर चाहिए!’
कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस (Congress) के भीतर मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद को लेकर जारी खींचतान अब सार्वजनिक बयानबाजी का रूप ले चुकी है। मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के करीबी माने जाने वाले राज्य के गृह मंत्री (Home Minister) जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) ने एक बड़ा राजनीतिक बयान देकर अटकलों के बाज़ार को गर्म कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कांग्रेस हाईकमान (Congress High Command) उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Dy CM D.K. Shivakumar) को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करता है, तो वह इसे बिना किसी विरोध के स्वीकार करेंगे। यह बयान सिद्धारमैया खेमे से आया है, जिसने राज्य की राजनीति में सत्ता-साझाकरण (Power-Sharing) समझौते की संभावनाओं को हवा दे दी है। परमेश्वर (Parameshwara) ने स्वयं भी मुख्यमंत्री बनने की अपनी निजी महत्वाकांक्षा दोहराई है, लेकिन अंतिम निर्णय को हाईकमान पर छोड़ा है। राजनीतिक गलियारों में अब सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं कि क्या नेतृत्व परिवर्तन (Leadership Change) की कोई योजना है। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है, जानते हैं विस्तार से…
सत्ता-साझाकरण की अफवाहें
कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Dy CM D.K. Shivakumar) और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के बीच कथित खींचतान सुर्खियों में रही है। यह विवाद मुख्य रूप से सत्ता-साझाकरण समझौते (Power-Sharing Agreement) की अटकलों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिसके तहत दोनों नेताओं को बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाने की बात कही जा रही है। पार्टी हाईकमान (Congress High Command) ने आधिकारिक तौर पर इस तरह के किसी समझौते की पुष्टि नहीं की है, लेकिन राजनीतिक बयानों और डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) के इशारों भरे संदेशों ने इन अटकलों को बल दिया है। इसी पृष्ठभूमि में, सिद्धारमैया (Siddaramaiah) के करीबी और राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) का बयान सामने आया है, जो मुख्यमंत्री कैंप से आया अब तक का सबसे मजबूत संकेत माना जा रहा है कि पार्टी में किसी बड़े ‘ट्रांजिशन’ (Transition) की तैयारी चल रही है।
परमेश्वर का लचीला रुख और स्वीकार्यता का बयान
सिद्धारमैया (Siddaramaiah) कैंप के एक प्रमुख नेता, जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट करते हुए भी हाईकमान (High Command) के फैसले के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने स्वीकार किया कि वह स्वयं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं और पार्टी में उनके योगदान से हाईकमान पूरी तरह अवगत है। हालांकि, अपने बयान में उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया। परमेश्वर (Parameshwara) ने कहा कि “अगर पार्टी हाईकमान किसी ट्रांजिशन को मंजूरी देता है और डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) मुख्यमंत्री बनते हैं, तो हम इसे पूरी तरह स्वीकार करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि पार्टी द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को हरी झंडी दी जाती है, तो यह बदलाव ‘सुलभ और शांतिपूर्ण’ (Smooth and Peaceful) ढंग से होगा। यह बयान दिखाता है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के करीबी खेमे में भी डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) के नेतृत्व को स्वीकार करने की एक आंतरिक सहमति बन रही है।
नेतृत्व की दावेदारी और डीके शिवकुमार का इशारों भरा बयान
जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) ने अपने बयान में न केवल डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) को स्वीकार करने की बात कही, बल्कि उन्होंने स्वयं की दावेदारी भी मजबूती से रखी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने की उनकी इच्छा आज भी कायम है। परमेश्वर (Parameshwara) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को भी ‘उपयुक्त उम्मीदवार’ बताया, लेकिन स्पष्ट किया कि सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) के बीच किसी गुप्त समझौते की जानकारी उन्हें नहीं है। इससे पहले, मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) ने भी इशारों में एक राजनीतिक संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि “शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है और वादा निभाना सबसे बड़ी शक्ति है।” उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में हाईकमान (High Command) द्वारा किए गए सत्ता-साझाकरण (Power-Sharing) के किसी कथित वादे की याद दिलाने के रूप में देखा गया।
वर्तमान स्थिति और हाईकमान के अगले कदम पर फोकस
कर्नाटक (Karnataka) में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान अब हाईकमान (High Command) के पाले में है। जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) के बयान ने न केवल सिद्धारमैया (Siddaramaiah) कैंप के भीतर की बेचैनी को उजागर किया है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि पार्टी शांतिपूर्ण बदलाव के लिए मानसिक रूप से तैयार हो रही है। वर्तमान में, सभी की निगाहें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और केंद्रीय नेतृत्व (Central Leadership) पर टिकी हैं कि वे इस सत्ता-साझाकरण समझौते की अटकलों पर कब विराम लगाते हैं या इसे औपचारिक रूप देते हैं। इस राजनीतिक तनाव के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पार्टी नेतृत्व कर्नाटक (Karnataka) में अपनी सरकार की स्थिरता (Stability) सुनिश्चित करने के लिए ‘ट्रांजिशन’ (Transition) को मंजूरी देता है या फिर सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को पूरे कार्यकाल के लिए कायम रखता है। हाईकमान का अंतिम फैसला ही कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस (Congress) की दिशा तय करेगा।