यूट्यूब से सीखकर बनाता था नकली कोल्डड्रिंक, बाजार में बेचने वाला शख्स गिरफ्तार
लखनऊ, 17 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक यूट्यूब वीडियो देखकर नकली कोल्डड्रिंक बनाता था और उसे बाजार में बेच रहा था। पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से भारी मात्रा में नकली कोल्डड्रिंक की बोतलें और बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। यह घटना न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे तकनीक का गलत इस्तेमाल समाज के लिए नुकसानदायक हो सकता है।मामला क्या है?पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार शख्स का नाम रमेश कुमार (बदला हुआ नाम) है, जो उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का रहने वाला है। रमेश ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर कोल्डड्रिंक बनाने की तरकीब सीखी थी। वह घर पर ही सस्ते केमिकल, पानी, चीनी और खाने योग्य रंगों का इस्तेमाल करके नकली कोल्डड्रिंक तैयार करता था। इसके बाद वह इन बोतलों को मशहूर ब्रांड्स के लेबल लगाकर स्थानीय दुकानों और छोटे-मोटे ढाबों में बेचता था।पुलिस को इस मामले की जानकारी तब मिली जब एक स्थानीय दुकानदार को शक हुआ कि रमेश द्वारा सप्लाई की जा रही कोल्डड्रिंक की बोतलें असली नहीं हैं। दुकानदार ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और रमेश को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।कैसे शुरू हुआ यह धंधा?
रमेश ने पुलिस को बताया कि वह पहले एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता था, लेकिन उसका व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा था। एक दिन उसने यूट्यूब पर कुछ वीडियो देखे, जिनमें घर पर कोल्डड्रिंक बनाने की विधि बताई गई थी। इन वीडियोज में सस्ते और आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से कोल्डड्रिंक बनाने के तरीके दिखाए गए थे। रमेश को यह आइडिया पसंद आया और उसने इसे आजमाने का फैसला किया।शुरुआत में उसने छोटे स्तर पर कोल्डड्रिंक बनाना शुरू किया और इसे अपने आसपास की दुकानों में बेचा। जब उसे अच्छा मुनाफा होने लगा, तो उसने इस काम को और बढ़ा दिया। उसने नकली बोतलें, लेबल और पैकेजिंग सामग्री ऑनलाइन मंगवानी शुरू की। वह मशहूर कोल्डड्रिंक ब्रांड्स की नकल करके बोतलें तैयार करता और उन्हें असली के नाम पर बेचता।पुलिस की कार्रवाईपुलिस ने रमेश के घर पर छापेमारी के दौरान नकली कोल्डड्रिंक की सैकड़ों बोतलें, रासायनिक पदार्थ, रंग, और पैकेजिंग सामग्री बरामद की। इसके अलावा, उसके पास से कुछ यूट्यूब वीडियो की लिस्ट भी मिली, जिन्हें वह फॉलो करता था। पुलिस ने बताया कि रमेश का यह धंधा कई महीनों से चल रहा था और उसने आसपास के कई इलाकों में नकली कोल्डड्रिंक की सप्लाई की थी।स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने बताया, “यह एक गंभीर मामला है क्योंकि नकली कोल्डड्रिंक लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि और कितने लोग इस धंधे में शामिल हैं।”स्वास्थ्य पर खतरास्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नकली कोल्डड्रिंक में इस्तेमाल होने वाले केमिकल और रंग मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें कई बार ऐसे रसायन मिलाए जाते हैं, जो लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर पेट की समस्याएं, एलर्जी, या गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है।डॉ. अनिल शर्मा, एक स्थानीय डॉक्टर, ने बताया, “ऐसे नकली पेय पदार्थों में अक्सर निम्न गुणवत्ता के रसायन और अनहाइजीनिक सामग्री का इस्तेमाल होता है। यह पेट में जलन, उल्टी, दस्त, या लंबे समय में किडनी और लिवर की समस्याएं पैदा कर सकता है।”समाज पर प्रभावयह मामला न केवल स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तकनीक का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है। यूट्यूब और इंटरनेट ने जहां लोगों को नई चीजें सीखने का मौका दिया है, वहीं कुछ लोग इसका गलत फायदा भी उठा रहे हैं। रमेश जैसे लोग सस्ते में मुनाफा कमाने के लिए दूसरों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।स्थानीय लोग इस घटना से हैरान हैं। एक दुकानदार ने बताया, “हमें नहीं पता था कि ये बोतलें नकली हैं। ये बिल्कुल असली जैसी दिखती थीं। अब से हम ज्यादा सावधानी बरतेंगे।”कानूनी कार्रवाईरमेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या रमेश का कोई और साथी इस धंधे में शामिल था। इसके अलावा, बरामद कोल्डड्रिंक की बोतलों को जांच के लिए लैब में भेजा गया है ताकि उनके अंदर मौजूद सामग्री की पूरी जानकारी मिल सके।जनता के लिए सलाहपुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कोल्डड्रिंक या अन्य खाद्य पदार्थ खरीदते समय सावधानी बरतें। बोतल पर ब्रांड का लेबल, निर्माण तिथि, और एफएसएसएआई (FSSAI) का लोगो जरूर जांच लें। अगर कोई पेय पदार्थ संदिग्ध लगे, तो तुरंत इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से करें।निष्कर्षयह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि तकनीक का इस्तेमाल सही दिशा में करना कितना जरूरी है। यूट्यूब और इंटरनेट ने जहां लोगों को नई स्किल्स सिखाई हैं, वहीं इसका गलत इस्तेमाल समाज के लिए खतरा बन सकता है। प्रशासन और जनता को मिलकर ऐसे मामलों पर नजर रखनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। रमेश का यह मामला एक चेतावनी है कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति और सजग रहने की जरूरत है।पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर उनके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो वे नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करें। इस बीच, रमेश को कोर्ट में पेश किया जाएगा और मामले की आगे की जांच जारी है।
