• October 15, 2025

मनीष कश्यप का बीजेपी से इस्तीफा: ‘खुद को नहीं बचा पाया तो लोगों की मदद क्या करूंगा

बिहार के चर्चित यूट्यूबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप ने 7 जून 2025 को भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। फेसबुक लाइव के जरिए उन्होंने इसकी घोषणा की और कहा, “मैं बीजेपी में रहकर खुद को नहीं बचा पाया तो लोगों की मदद क्या करूंगा।” मनीष ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह कदम उठाया, जिसने बीजेपी के लिए हड़कंप मचा दिया। उन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में अपनी पिटाई जैसे मुद्दों को लेकर पार्टी पर नाराजगी जताई। मनीष अब बिहार और बिहारियों के लिए एक नए मंच की तलाश करेंगे। यह बीजेपी के लिए दूसरा बड़ा झटका है, क्योंकि हाल ही में प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी पार्टी छोड़ी थी।
मनीष कश्यप का बीजेपी से मोहभंग

मनीष कश्यप ने 25 अप्रैल 2024 को दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की थी। उस समय उन्होंने अपनी मां के कहने पर और पीएम नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर यह फैसला लिया था। हालांकि, पीएमसीएच में 19 मई 2025 को उनकी कथित पिटाई और स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी आवाज को पार्टी में समर्थन न मिलने से वे नाराज थे। मनीष ने कहा कि पार्टी में रहकर वे भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी ढंग से आवाज नहीं उठा पाए। उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर भी निशाना साधा, मुजफ्फरपुर में एक बच्ची की मौत का जिक्र करते हुए व्यवस्था की नाकामी को उजागर किया।
पीएमसीएच पिटाई कांड और विवाद

मनीष कश्यप 19 मई 2025 को पीएमसीएच में एक मरीज की मदद के लिए गए थे, जहां उनकी जूनियर डॉक्टरों और कर्मचारियों से बहस हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बंधक बनाकर पीटा गया, उनका मोबाइल छीन लिया गया, और सादे कागज पर जबरन दस्तखत करवाए गए। इस घटना के बाद मनीष ने अस्पताल के गेट पर भावुक होकर जनता से माफी मांगी और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर सवाल उठाए। 10 दिन बाद पीरबहोर थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन मनीष ने पुलिस की कार्रवाई को नाकाफी बताया। इस घटना ने उनके बीजेपी छोड़ने के फैसले को और पक्का कर दिया।

आगे की राह और राजनीतिक अटकलें
मनीष कश्यप ने कहा कि वे अब बिहार के पलायन, भ्रष्टाचार, और स्वास्थ्य व्यवस्था जैसे मुद्दों पर एक नए मंच से लड़ेंगे। उन्होंने जनता से पूछा कि उन्हें किस पार्टी से या निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए। मई 2025 में उनकी जन सुराज पार्टी के उपाध्यक्ष यदुवंश गिरी से मुलाकात ने कयासों को हवा दी कि वे प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, जन सुराज ने इस पर कोई पुष्टि नहीं की। मनीष ने मुजफ्फरपुर रेप केस जैसे मामलों का खुलासा करने का दावा भी किया, जिससे उनकी भविष्य की रणनीति पर उत्सुकता बढ़ गई है।
निष्कर्ष

मनीष कश्यप का बीजेपी से इस्तीफा बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है, खासकर विधानसभा चुनाव से पहले। पीएमसीएच पिटाई कांड, छपरा में एफआईआर, और स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुखरता ने उन्हें सुर्खियों में रखा। ‘खुद को नहीं बचा पाया तो लोगों की मदद क्या करूंगा’ कहकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। मनीष का अगला कदम, चाहे वह नया मंच हो या जन सुराज पार्टी, बिहार की सियासत में हलचल मचाने वाला है। उनकी लोकप्रियता और सोशल मीडिया की ताकत उन्हें एक मजबूत आवाज बनाती है, लेकिन बार-बार विवादों ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल भी खड़े किए हैं।
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Rama Niwash Pandey

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