• December 25, 2025

भारत को ‘ग्लोबल सुपरपावर’ बताया इजरायल ने: जयशंकर से मिले नेतन्याहू के दूत, हमास हमले के बाद मोदी का फोन कभी नहीं भूलेंगे

नई दिल्ली, 4 नवंबर 2025: दुनिया की नजरें अब भारत पर टिक गई हैं, जहां एक दोस्त ने खुलेआम कहा कि यह ‘भविष्य की महाशक्ति’ है। इजरायल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात में भारत को ग्लोबल सुपरपावर करार दिया। लेकिन यह तारीफ सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि रक्षा से लेकर शांति प्रयासों तक गहरे सहयोग का ऐलान है। क्या यह भारत की कूटनीतिक जीत का नया अध्याय है?

उच्च स्तरीय बैठक: गर्मजोशी भरी शुरुआत और भारत की तारीफ

मंगलवार को नई दिल्ली में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में इजरायली विदेश मंत्री गिडोन सार ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में ही भारत को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतंत्र और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताते हुए ‘ग्लोबल सुपरपावर’ कहा, जबकि इजरायल को ‘रीजनल पावरहाउस’ करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर वैश्विक स्थिरता को मजबूत करेंगे। सार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की, जो हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के तुरंत बाद पहले विश्व नेता थे जिन्होंने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया – “हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।” जयशंकर ने भी संबंधों को गहरे भरोसे पर आधारित बताया। बैठक में सुरक्षा, रक्षा, कृषि, निवेश, नवाचार और साइबर सहयोग पर नया रोडमैप तैयार किया गया। संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और क्षेत्रीय शांति पर सहमति जताई गई। यह मुलाकात भारत-इजरायल दोस्ती को नई ऊंचाई देने वाली साबित हुई, जहां दोनों पक्षों ने परस्पर सम्मान पर जोर दिया।

आतंकवाद और मध्य पूर्व पर फोकस: साझा चुनौतियां और भारत का स्टैंड

बैठक का केंद्रबिंदु आतंकवाद रहा, जिसे दोनों ने “मानवता का साझा खतरा” बताया। जयशंकर ने कहा कि भारत और इजरायल दोनों को इसकी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हर रूप में जीरो टॉलरेंस जरूरी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की निंदा का स्वागत किया, जहां सार ने शहीद परिवारों के साथ खड़े होने का ऐलान किया। इजरायली मंत्री ने हमास को निशस्त्र करने और गाजा के पूर्ण निरस्त्रीकरण पर जोर दिया। जयशंकर ने पश्चिम एशिया पर नजर बनाए रखने का उल्लेख किया और गाजा पीस प्लान का समर्थन जताया, जिसमें बंधकों की सुरक्षित वापसी और दीर्घकालिक शांति पर सहयोग की बात कही। भारत ने स्पष्ट किया कि वह किसी पक्ष की राजनीति नहीं करता, बल्कि शांति और मानवता के पक्ष में है। यह चर्चा दोनों देशों के बीच साझा मोर्चे को मजबूत करेगी, खासकर जब मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है।

रक्षा-कृषि से AI तक: सहयोग का नया दौर और भविष्य की योजना

एंरक्षा क्षेत्र में लंबे सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया गया, जहां इजरायल भारत का प्रमुख साझेदार है – बराक-8 मिसाइल, स्पाइडर एयर डिफेंस और हारोप ड्रोन जैसे प्रोजेक्ट्स का जिक्र हुआ। अब संयुक्त अनुसंधान और उत्पादन पर फोकस है, जो ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा। कृषि में स्मार्ट एग्रीकल्चर, वाटर मैनेजमेंट और हाई-टेक इनोवेशन पर प्रगति बताई गई। सार ने नए निवेश समझौते की घोषणा की, जो स्टार्टअप और तकनीक में साझेदारी बढ़ाएगा। इजरायल अगले साल भारत के ग्लोबल AI सम्मेलन में भाग लेगा, जो तकनीकी सहयोग का नया मंच बनेगा। साइबर सिक्योरिटी, ड्रोन और AI-आधारित युद्धक तकनीकों पर भी चर्चा हुई। यह साझेदारी I2U2 जैसे प्रोजेक्ट्स को मजबूत करेगी, जो दक्षिण एशिया से मध्य पूर्व तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। कुल मिलाकर, यह दौर भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत करेगा।


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