• November 23, 2024

पलायन को मजबूर हो गए मुसलमान, 20 दिन से सांप्रदायिक टेंशन; आखिर क्यों उबल रहा उत्तराखंड

उत्तराखंड की शांत वादियों में इन दिनों सांप्रदायिकता का शोर है। पिछले करीब 20 दिन से उत्तरकाशी में टेंशन बरकरार है। हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश के बाद उपजा विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है।

पलायन को मजबूर हो गए मुसलमान, 20 दिन से सांप्रदायिक टेंशन; आखिर क्यों उबल रहा उत्तराखंड

उत्तराखंड की शांत वादियों में इन दिनों सांप्रदायिकता का शोर है। पिछले करीब 20 दिन से उत्तरकाशी में टेंशन बरकरार है। एक हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश के बाद उपजा विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। हिंदूवादी संगठनों की ओर से दी गई धमकी के बाद उत्तरकाशी के पुरोला में जहां मुसलमानों की दुकानें बंद हैं तो कई लोग पलायन कर चुके हैं। इस बीच दोनों तरफ से मुद्दे को तूल देने की कोशिश भी चल रही है। विहिप और बजरंग दल ने 15 जून को महापंचायत का ऐलान किया है तो मुस्लिम समुदाय भी 18 जून को जवाबी महापंचायत की तैयारी में है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। प्रशासन ने 15 जून को पुरोला में धारा 144 लागू करने की बात कही है। सुरक्षा के लिए पीएसी की एक कंपनी भी बुलाई गई है।

कैसे हुई विवाद की शुरुआत
उत्तरकाशी के पुरोला में 26 मई को हिंदू समुदाय की एक नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास का मामला सामने आया। आरोपी मुस्लिम समुदाय से थे। इसके बाद तनाव उस वक्त बढ़ गया जब मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें छोड़ने की चेतावनी दी गई। उनकी दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपका दिए गए। डर के माहौल में तब से ही मुसलमानों की दुकानें बंद हैं। अब तक करीब 12 व्यापारी पलायन भी कर चुके हैं, जिनमें बीजेपी के अल्पसंख्यक नेता भी शामिल हैं।स्थानीय प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी दुकानें नहीं खुल पाई हैं।

महापंचायत के ऐलान से बढ़ी टेंशन
इस बीच पंचायत संगठन की ओर से पुरोला में महापंचायत का ऐलान कर दिया गया, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। यह संगठन अब बैकफुट पर आ गया। इसी बीच मंगलवार को पुरोला में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर 15 जून को महापंचायत कराने का ऐलान कर दिया। विश्व हिंदू परिषद के ब्लॉक अध्यक्ष बिरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पुरोला में 15 जून को शांतिपूर्ण महापंचायत को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। सभी संगठनों से सहयोग की अपील की गई है। इसमें प्रदेश बजरंग दल के संयोजक अनुज वालिया समेत देहरादून और हरिद्वार से कुछ संतों के भी आने की संभावना है। उधर, देहरादून में मुस्लिम समुदाय ने भी 18 जून को महापंचायत की है। देहरादून के पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद में शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया। हिंदू जहां लव जिहाद का आरोप लगाकर महापंचायत करना चाहते हैं तो मुसलमानों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और पलायन को मजबूर किया जा रहा है।

पूर्व नौकरशाहों ने सांप्रदायिक उन्माद पर चिंता जताई
पुरोला में उपजे विवाद को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को एक खुला पत्र लिखा है। राज्य में पैदा स्थिति पर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है। अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के पूर्व नौकरशाहों ने राज्य में सांप्रदायिक उन्माद पर चिंता जाहिर की है। मध्य प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस हर्ष मंदर ने हिन्दुस्तान को बताया की मेल के जरिए पत्र भेजा है। इसमें 52 पूर्व नौकरशाहों के नाम हैं। आशंका जताई कि महापंचायत में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया जा सकता है। इसलिए ऐसे आयोजनों को ना होने दिया जाए। नौकरशाहों आगे लिखा है कि हमने देखा है कि इन कार्यक्रमों के साथ-साथ क्षेत्र में एक साम्प्रदायिक अभियान का उदय हुआ है, जिसमें 12 शहरों में बाजार बंद करने के आह्वान और कुछ खास समुदाय के खिलाफ रैलियों और नफरत भरे भाषण शामिल हैं। पत्र में उत्तराखंड काडर के पूर्व आईएएस एसके दास और उनकी पत्नी विभावरी दास का भी नाम है। उधर, डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि इस तरह की कोई मेल नहीं मिली है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *