नोटबंदी का फैसला सही था, सरकार ने RBI से ली सलाह; SC ने दी क्लीन चिट
केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 2016 में लिए गए नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। 5 जजों की बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी है। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड से यह बात साफ है कि सरकार ने इस मामले में आरबीआई से समुचित विचार विमर्श किया था। 6 महीने तक दोनों के बीच विचार हुआ था और इसके बाद ही यह फैसला लिया गया था। ऐसे में सरकार के इस फैसले को सही माना जाता है। बता दें कि नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि इससे अर्थव्यवस्था पर असर हुआ और तमाम लोगोंं को इससे परेशानी उठानी पड़ी। अदालत में सरकार ने अपना रिकॉर्ड भी सुनवाई के दौरान पेश किया। इसके मुताबिक सरकार और आरबीआई के बीच फरवरी से ही नोटबंदी को लेकर बात चल रही थी।
अदालत ने कहा कि आरबीआई ऐक्ट के तहत नोटबंदी का अधिकार सरकार के पास है, उसे इससे रोका नहीं जा सकता। यही नहीं अदालत ने कहा कि इससे पहले भी देश में इसी नियम के तहत दो बार नोटबंदी की जा चुकी है, यह तीसरा मौका था। हालांकि 5 जजों की बेंच में से जस्टिस बीवी नागरत्ना का मत अलग था और उन्होंने इस पर कुछ सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के साथ ही नोटबंदी को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस अब्दुल नजीर 4 जनवरी को रिटायर होने वाले हैं। इस तरह अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक दो दिन पहले उन्होंने अहम फैसला सुनाया है।
नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं में मांग की गई थी कि यह प्रक्रिया असंवैधानिक थी। इसलिए इस फैसले को खारिज कर दिया जाए। हालांकि अदालत में लंबी चली बहस के बाद जजों ने यह माना कि सरकार ने इस फैसले में किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया। अदालत ने कहा कि इस मामले में फैसला लेने से पहले सरकार और आरबीआई के बीच लगातार 6 महीने तक विचार-विमर्श हुआ था। इसके बाद ही इस पर फैसला हुआ था। कोर्ट ने साफ कहा कि नोटबंदी पर अकेले आरबीआई या फिर सरकार फैसला नहीं ले सकते हैं। ऐसे में जब दोनों के बीच विमर्श हुआ था तो फिर यह फैसला गलत नहीं था।