‘द बंगाल फाइल्स’ विवाद: मिथुन चक्रवर्ती का बड़ा बयान, ‘सच्चाई दिखाने पर प्रोपेगेंडा का आरोप, ट्रेलर लॉन्च में हंगामा
लखनऊ/ 21 अगस्त ,2025: मिथुन चक्रवर्ती ने ठोका दावा, ‘द बंगाल फाइल्स’ में दिखाई गई है 1946 की सच्चाई, खबरों के अनुसार, मिथुन चक्रवर्ती ने ‘द बंगाल फाइल्स’ के विवाद पर कहा कि फिल्म 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और कलकत्ता दंगों की सच्चाई को दर्शाती है। उन्होंने सवाल उठाया, “सच्चाई दिखाने वाली फिल्म को प्रोपेगेंडा क्यों कहा जा रहा है? नोआखाली और कलकत्ता की घटनाएं नई पीढ़ी को जाननी चाहिए। मिथुन चक्रवर्ती की अपकमिंग फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है। हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने फिल्म से जुड़े विवाद और अपने किरदार के बारे में बात की। एक्टर ने बताया कि इस फिल्म के माध्यम से हम लोग सच्चाई पेश कर रहे हैं।
कोलकाता में ट्रेलर लॉन्च में रुकावट, मिथुन बोले- ‘सब कुछ था पूर्व नियोजित’
खबरों के अनुसार, 16 अगस्त को कोलकाता में ‘द बंगाल फाइल्स’ के ट्रेलर लॉन्च को रोक दिया गया। मिथुन चक्रवर्ती ने इसे सुनियोजित बताते हुए कहा, “बिना ट्रेलर देखे विरोध क्यों? सच्चाई से डरने वाले लोग इसे रोकना चाहते हैं।” पुलिस ने अनुमति की कमी का हवाला दिया, जबकि विवेक अग्निहोत्री ने इसे राजनीतिक दबाव करार दिया।
विवेक अग्निहोत्री पर FIR, मिथुन ने कहा- ‘बंगाल में FIR बंटते हैं कुरमुरे की तरह’
खबरों के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ कई FIR दर्ज कीं, जिन्हें कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम रूप से रोक दिया। मिथुन ने तंज कसते हुए कहा, “बंगाल में FIR कुरमुरे की तरह बंटते हैं, लेकिन विवेक इसका जवाब देंगे।”
‘सेक्युलरिज्म का ढोंग’ पर मिथुन का हमला, बोले- ‘सच्चाई से डरते हैं लोग’
खबरों के अनुसार, मिथुन चक्रवर्ती ने फिल्म के विरोधियों को ‘सेक्युलर और छद्म बुद्धिजीवी’ करार देते हुए कहा, “सच्चाई दिखाने पर विवाद होता है क्योंकि लोग सच से डरते हैं। सेक्युलरिज्म का मतलब दोनों का सम्मान करना है, न कि एक-दूसरे के खाने पर विवाद।”
5 सितंबर को रिलीज होगी ‘द बंगाल फाइल्स’, स्टारकास्ट में मिथुन, अनुपम खेर
खबरों के अनुसार, विवेक अग्निहोत्री की ‘द बंगाल फाइल्स’ 5 सितंबर 2025 को रिलीज होगी। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह ‘फाइल्स ट्रिलॉजी’ की तीसरी कड़ी है, जो 1946 के सांप्रदायिक दंगों को दर्शाती है