नई दिल्ली, 12 नवंबर 2025: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए धमाके ने राजधानी को हिलाकर रख दिया। 13 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा घायल, कार में विस्फोट से मची तबाही ने सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दीं। प्रधानमंत्री मोदी भूटान से लौटते ही CCS बैठक बुला रहे हैं—क्या यह नई रणनीति का संकेत? आइए खोलते हैं इस घटना की गहराई…
धमाके का मंजर और तत्काल प्रतिक्रिया
10 नवंबर शाम 6:52 बजे लाल किले के गेट नंबर 1 के पास सुभाष मार्ग पर एक ह्युंडई i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। हरियाणा नंबर वाली इस कार से आग की लपटें निकलीं, जो आसपास की कई गाड़ियों तक फैल गईं। आंखों देखा हाल बताता है कि विस्फोट इतना तेज था कि स्ट्रीट लाइटें फूट गईं, और धमाके की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 13 लोग मारे गए, जिनमें राहगीर और ड्राइवर शामिल हैं, जबकि 20 से ज्यादा घायल हो गए। फायर सर्विसेज ने सात गाड़ियां भेजीं, लेकिन तब तक तबाही हो चुकी थी। एनएसजी, स्पेशल सेल और एंटी-टेरर यूनिट्स ने इलाका सील कर दिया। लाल किला मेट्रो स्टेशन बंद कर दिया गया, जो 12 नवंबर को भी बंद रहेगा। पीएम मोदी ने भूटान से फोन पर गृह मंत्री अमित शाह से बात की, और कहा—’दुश्मनों को बख्शा नहीं जाएगा।’ अमेरिका और ब्रिटेन ने शोक जताया, जबकि तेलंगाना-जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट बजा। क्या यह आतंकी साजिश है? जांच तेज।
जांच की परतें और CCS बैठक का महत्व
जांच में शुरुआती सुराग RDX जैसे हाई-ग्रेड विस्फोटक की ओर इशारा कर रहे। दिल्ली पुलिस ने मामला एनआईए को सौंप दिया, जो डिजिटल ट्रेस और फॉरेंसिक रिपोर्ट खंगाल रही। खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान आधारित नेटवर्क के लिंक मिले हैं, हालांकि पुष्टि बाकी। नौ संदिग्धों को कानपुर से हिरासत में लिया गया। 12 नवंबर दोपहर 2 बजे पीएम मोदी की अगुवाई में CCS बैठक होगी, जिसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर और अजीत डोभाल शामिल होंगे। एजेंडा—जांच रिपोर्ट, खुफिया इनपुट और सुरक्षा समीक्षा। सूत्र बताते हैं कि बैठक में नई रणनीति पर फैसला हो सकता, जैसे सीमावर्ती निगरानी बढ़ाना या साइबर थ्रेट्स पर फोकस। अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद इसी CCS ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जहां पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया गया। अब सवाल वही—क्या दिल्ली धमाके पर सर्जिकल स्ट्राइक का दोहराव? विशेषज्ञ कहते हैं, अगर विदेशी हाथ साबित, तो जवाब कड़ा होगा। दिल्ली में ट्रैफिक सीमित, कमांडो तैनात—सुरक्षा का जाल बिछा।
ऑपरेशन सिंदूर-2 की संभावना और भविष्य की राह
पिछले ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तानी आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर भारत की ताकत दिखाई थी, जो CCS के फैसले पर आधारित था। अब दिल्ली धमाके के बाद वही बहस छिड़ गई—क्या ‘सिंदूर पार्ट-2’ लौटेगा? अगर जांच में पाकिस्तान की भूमिका पुष्ट, तो प्रेसिजन स्ट्राइक संभव। सरकार की नीति साफ—आतंक को युद्ध मानना। पीएम का बयान इसे पुष्ट करता है। बैठक के बाद संभावित कदम—सीमा पर ड्रोन तैनाती, इंटेलिजेंस शेयरिंग बढ़ाना या अंतरराष्ट्रीय दबाव। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नेटाजी सुभाष मार्ग सील किया, जबकि एनएसजी और एयर डिफेंस एक्टिव। जनता में डर, लेकिन गुस्सा भी—सोशल मीडिया पर #JusticeForDelhiBlast ट्रेंड। विशेषज्ञ चेताते हैं, जल्द कार्रवाई से संदेश जाएगा। क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर नया अध्याय बनेगा? CCS के फैसले से साफ होगा कि भारत का जवाब कितना सख्त। देश सांस थामे इंतजार कर रहा—शांति लौटे, दोषी सजा पाएं।