टुकड़े-टुकड़े करके पत्रकार की हत्या, प्रिंस सलमान पर लगे थे आरोप, ट्रंप ने दिया चौंकाने वाला बयान
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का व्हाइट हाउस में जोरदार स्वागत किया। यह 7 साल बाद MBS की पहली व्हाइट हाउस यात्रा थी। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में अरबों डॉलर के निवेश, हथियार सौदे और अब्राहम समझौते को आगे बढ़ाने पर जोर रहा। हालांकि, 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में ट्रंप ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि क्राउन प्रिंस को इस हत्या की जानकारी थी।
ट्रंप-एमबीएस ओवल ऑफिस बैठक: खशोगी हत्याकांड पर विवाद
18 नवंबर 2025 को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) का स्वागत किया, जो खशोगी हत्याकांड के बाद उनकी पहली अमेरिकी यात्रा थी। मीडिया के सवाल पर ट्रंप ने जमाल खशोगी को “बहुत विवादास्पद व्यक्ति” बताते हुए कहा, “बहुत से लोगों को वह पसंद नहीं थे। चाहे आपको वे पसंद हों या न हों, ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। क्राउन प्रिंस को इस बारे में कुछ नहीं पता था। हम इसे यहीं छोड़ सकते हैं। हमारे मेहमान को शर्मिंदा करने वाला सवाल पूछने की जरूरत नहीं।” यह बयान 2021 की अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट से सीधे टकराता है, जिसमें कहा गया था कि एमबीएस ने इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या को मंजूरी दी थी। ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनकी सरकार ने इस रिपोर्ट को दबा दिया था। बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया, लेकिन खशोगी मुद्दे ने वैश्विक आलोचना को जन्म दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे “ट्रंप का सऊदी प्रति पक्षपात” बताया, जबकि एनपीआर ने रिपोर्टर को “भयानक व्यक्ति” कहे जाने पर चिंता जताई। यह घटना अमेरिका-सऊदी संबंधों में मानवाधिकार vs आर्थिक हितों के टकराव को उजागर करती है।
सऊदी जांच और अमेरिकी मानवाधिकार तारीफ का दावा
बैठक के दौरान एमबीएस ने खशोगी हत्याकांड पर कहा, “हमने जांच के लिए सभी सही कदम उठाए। यह बहुत दर्दनाक और बड़ी गलती थी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सऊदी अरब ने अपनी प्रणाली सुधारी है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। ट्रंप ने एमबीएस की तारीफ करते हुए सऊदी अरब की मानवाधिकार स्थिति को “अद्भुत” बताया, बिना कोई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा, “मानवाधिकार और बाकी हर मामले में उन्होंने जो किया है, वह शानदार है।” मुलाकात में एमबीएस ने ऐलान किया कि सऊदी अरब अब अमेरिका में 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 84 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगा, जो पहले के 600 अरब डॉलर से दोगुना है। ट्रंप ने इसे “ऐतिहासिक साझेदारी” करार दिया और कहा कि दोनों देश अब “अच्छे दोस्त” हैं, जबकि एमबीएस को मध्य पूर्व के भविष्य का आकार देने वाला नेता बताया। सीएनबीसी के अनुसार, यह निवेश ऊर्जा, रक्षा और तकनीक क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। हालांकि, पोलिटिको ने चेतावनी दी कि यह आंकड़े प्रतीकात्मक हैं और वास्तविक प्रवाह कम हो सकता है। बैठक में 9/11 परिवारों की नाराजगी भी उठी, लेकिन ट्रंप ने इसे नजरअंदाज किया।
ट्रंप परिवार के सऊदी कारोबार और मानवाधिकार आलोचना
ट्रंप परिवार का सऊदी अरब से गहरा कारोबारी रिश्ता रहा है। सितंबर 2025 में लंदन की डार ग्लोबल ने जेद्दा में “ट्रंप प्लाजा” प्रोजेक्ट की घोषणा की, जो ट्रंप ऑर्गनाइजेशन का सऊदी में दूसरा प्रोजेक्ट है। ट्रंप ने सफाई दी, “मेरा परिवार के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है।” लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने ट्रंप की कड़ी आलोचना की। खशोगी द्वारा स्थापित संगठन DAWN के निदेशक रईद जर्रार ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के हाथों पर जमाल खशोगी का खून लगा है। वे एमबीएस के हर फांसी और कैद के आदेश में सह-अपराधी बन गए हैं।” संगठनों का आरोप है कि सऊदी अरब में असहमति दबाने के लिए पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और आलोचकों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि फांसी की संख्या में तेजी आई है। खशोगी की पत्नी हनान एलात्र खशोगी ने सोशल मीडिया पर ट्रंप को “गुमराह” बताया और न्याय की मांग की। एक्सिओस के अनुसार, यह बैठक सऊदी की वैश्विक छवि सुधारने की कोशिश है, लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट को नजरअंदाज करना लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठाता है। रॉयटर्स ने इसे “रणनीतिक साझेदारी” का हिस्सा माना, जहां आर्थिक फायदे मानवाधिकार पर हावी हो गए।