• November 26, 2025

इथियोपिया का फटा ज्वालामुखी: राख की धूल ने भारत के आसमान को घेर लिया, उड़ानें ठप्प!

25 नवंबर 2025, नई दिल्ली: अफ्रीका की धरती से उठा वो धुआँ, जो हजारों साल सोया था। रविवार को इथियोपिया के अफार इलाके में हायली गूबी ज्वालामुखी फट पड़ा – पहली बार 12,000 सालों में। आग की लपटें, राख का गुबार और तेज हवाओं ने इसे पूर्व की ओर धकेल दिया। अरब सागर पार करते हुए ये भारत के द्वार पर दस्तक दे चुका। दिल्ली, मुंबई से लेकर गुजरात तक हवाई अड्डों पर हड़कंप। एयर इंडिया, इंडिगो जैसी कंपनियों ने उड़ानें रोकीं, यात्री फँसे। आखिर इतनी दूर का विस्फोट कैसे हमारे आसमान को चीर रहा? और ये खतरा कब टलेगा?

12,000 साल बाद वो धमाका जो दुनिया हिला गया


इथियोपिया के अफार क्षेत्र में बसा हायली गूबी ज्वालामुखी, जो एरटा एले श्रृंखला का हिस्सा है। रविवार, 23 नवंबर को सुबह 8:30 बजे UTC के आसपास ये अचानक फट पड़ा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पहला रिकॉर्डेड विस्फोट है होलोसीन काल में – यानी पिछले 12,000 सालों में। राख का गुबार 14 किलोमीटर ऊँचाई तक पहुँचा, जिसमें सल्फर डाइऑक्साइड और महीन कण भरे थे। सैटेलाइट इमेजरी ने इसे कैद किया, जहाँ धुआँ सफेद बादलों की तरह फैलता दिखा। स्थानीय प्रशासक मोहम्मद सईद ने बताया कि कोई हताहत नहीं, लेकिन पशुपालकों की आजीविका पर असर पड़ सकता है। डेनाकिल डिप्रेशन में स्थित ये जगह टेक्टॉनिक प्लेट्स के टकराव वाली है, जहाँ अफ्रीकी और अरब प्लेट्स अलग हो रही हैं। विस्फोट के बाद टूलूज़ वॉल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर ने अलर्ट जारी किया, जो राख को यमन, ओमान होते हुए पूर्व की ओर जाते दिखा। ये घटना न सिर्फ भू-वैज्ञानिकों के लिए सरप्राइज है, बल्कि वैश्विक मौसम पर भी असर डाल रही। तेज हवाओं ने राख को 100-120 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ा दिया, जो अब भारत के करीब पहुँच चुकी। विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसी राख इंजनों को जाम कर सकती है, इसलिए सतर्कता बरतनी जरूरी।

फ्लाइट्स डायवर्ट, कैंसल, यात्री परेशान


सोमवार दोपहर तक राख का गुबार अरब सागर पार कर पश्चिमी भारत में घुस आया। सबसे पहले गुजरात के जामनगर के ऊपर पहुँचा, फिर दिल्ली-जयपुर की ओर बढ़ा। इससे अंतरराष्ट्रीय रूट्स प्रभावित हुए। एयर इंडिया ने 11 उड़ानें कैंसल कीं, जिनमें मिडिल ईस्ट जाने वाली शामिल। इंडिगो का कन्नूर-अबू धाबी फ्लाइट 6E 1433 अहमदाबाद डायवर्ट हो गया। आकासा एयर ने जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए 24-25 नवंबर की उड़ानें रद्द कीं। KLM ने एम्स्टर्डम-दिल्ली रूट बंद कर दिया। मुंबई एयरपोर्ट ने यात्रियों से स्टेटस चेक करने को कहा। राख ने दृश्यता कम की और इंजन रिस्क बढ़ाया। फ्लाइट रडार24 के अनुसार, क्लाउड उत्तरी भारत से होते हुए चीन की ओर बढ़ रही। IMD के वैज्ञानिक ए.के. दास ने बताया कि राख 14 किमी ऊँचाई पर है, इसलिए ग्राउंड एयर क्वालिटी पर कम असर। लेकिन एविएशन के लिए बड़ा खतरा। एयरलाइंस ने क्रू को अलर्ट किया, वैकल्पिक रूट प्लान किए। यात्री फँसे, होटल और रिफंड की माँग। ये 2010 के आइसलैंड विस्फोट की याद दिला रहा, जब यूरोप की हवाई यात्रा ठप्प हो गई थी।

DGCA का अलर्ट, एयरलाइंस की मुश्किलें


DGCA ने सोमवार को सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स को एडवाइजरी जारी की।
इसमें कहा गया कि राख से इंजन, नेविगेशन और विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। पायलट्स को ऐश एनकाउंटर रिपोर्ट करने, रूट बदलने और फ्यूल प्लानिंग एडजस्ट करने को कहा। टूलूज़ VAAC और AAI के ASHTAM का हवाला देते हुए प्रभावित इलाकों से बचने की हिदायत। एयर इंडिया ने X पर पोस्ट किया – “सुरक्षा प्राथमिक, वैकल्पिक व्यवस्था पर काम।” इंडिगो ने कहा, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से समन्वय में मॉनिटरिंग। आकासा ने प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए कैंसलेशन किए। ग्राउंड टीम्स अपडेट दे रही,住宿 और रीशेड्यूलिंग कर रही। IMD ने अनुमान लगाया कि राख मंगलवार शाम 7:30 तक भारत से निकल जाएगी, चीन की ओर। लेकिन VAAC टोक्यो को जिम्मेदारी ट्रांसफर हो गई। विशेषज्ञों का कहना है, कुछ दिनों तक अस्थिरता रहेगी। एयरलाइंस वैकल्पिक रूट और शेड्यूल अपनाने को तैयार। फिलहाल, पश्चिमी-उत्तर-पश्चिमी मार्ग आंशिक प्रभावित। यात्रियों से अपील – चेक करें स्टेटस। ये घटना वैश्विक कनेक्टिविटी की नाजुकता दिखाती है।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *