रामलीला के मंच पर पिस्टल की चमक: क्या नशे में धमकी ने बीजेपी नेता की छवि बिगाड़ दी?
कानपुर, 4 अक्टूबर 2025: रामलीला की पवित्रता में क्या कोई जगह है ऐसी दबंगई की, जहां एक अतिथि नशे में पागल होकर पिस्टल तान ले? उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीजेपी युवा मोर्चा के ग्रामीण मंडल मंत्री अमितेश शुक्ला ने भौंती गांव की रामलीला में ऐसा ही हंगामा मचा दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में बुलाए गए उन्होंने रुपये लुटाने पर आयोजकों से टकरा गए और एक सदस्य को गोली मारने की धमकी दी। वायरल वीडियो ने पुलिस को जगाया, गिरफ्तारी हुई, लेकिन सवाल बाकी—क्या यह व्यक्तिगत लापरवाही है या राजनीतिक साख पर सवाल? आइए, इस शर्मनाक घटना की पूरी परतें खोलें, जहां आस्था और अराजकता का टकराव हुआ।
रामलीला मंच पर नशे की धमक
थाना सचेंडी के भौंती गांव में शुक्रवार रात रामलीला का आयोजन धूमधाम से हो रहा था। बीजेपी युवा मोर्चा के ग्रामीण मंडल मंत्री अमितेश शुक्ला को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। लेकिन वह नशे की हालत में पहुंचे, जिससे माहौल बिगड़ गया। मंचन के बीच अमितेश ने पैसे लुटाने शुरू कर दिए—एक आम परंपरा, लेकिन आयोजकों ने इसे अनुचित माना और रोकने की कोशिश की। यह विरोध उन्हें नागवार गुजरा। गुस्से में आगबबूला होकर अमितेश ने अपनी कमर से पिस्टल निकाली और रामलीला कमेटी के एक सदस्य पर तान दी। वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है—”गोली मारूंगा तो कोई बचा नहीं पाएगा।” दर्शकों में सन्नाटा छा गया, बच्चे-महिलाएं डर से कांप उठीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अमितेश का व्यवहार शुरू से ही आक्रामक था, लेकिन हथियार देखकर हड़कंप मच गया। यह घटना न सिर्फ रामलीला की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि गांव में डर का माहौल बना दिया।
सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर
घटना के तुरंत बाद कोई साहसी व्यक्ति ने वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जो शनिवार सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। एक्स और फेसबुक पर हजारों शेयर के साथ टिप्पणियां उमड़ीं—कुछ ने इसे बीजेपी की छवि पर सवाल ठहराया, तो कुछ ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। वीडियो में अमितेश की धमकी साफ सुनाई दे रही है, और पिस्टल की चमक डर पैदा कर रही। विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक हथियार बनाया, सपा और बसपा नेताओं ने योगी सरकार पर तंज कसे—”बुलडोजर तो चलाते हो, लेकिन अपने नेताओं पर क्यों चुप?” बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों ने सफाई दी कि यह व्यक्तिगत मामला है, लेकिन पार्टी स्तर पर चुप्पी साध ली। वायरल होने से दबाव बढ़ा, और कानपुर पुलिस ने वीडियो की प्रामाणिकता जांच ली। एसएसपी ने कहा कि यह गंभीर अपराध है, जिसमें आर्म्स एक्ट और धमकी की धाराएं लगेंगी। सोशल मीडिया ने न सिर्फ घटना को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया, बल्कि अमितेश की पुरानी छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए—पहले भी स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे विवादों में नाम आ चुका है।
गिरफ्तारी और पूछताछ का दौर
वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आ गई। शनिवार देर रात एसएसपी अनुराग विष्ट के निर्देश पर थाना सचेंडी की टीम अमितेश शुक्ला के घर पहुंची। छापेमारी में कमर से छिपाई पिस्टल बरामद हुई, जो अवैध साबित हुई। अमितेश को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया गया, और रविवार सुबह से पूछताछ शुरू हो गई। पुलिस ने बताया कि पिस्टल का लाइसेंस चेक किया जा रहा है, और नशे की जांच के लिए मेडिकल टेस्ट होगा। रामलीला कमेटी के सदस्य ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें धमकी और हथियार के प्रदर्शन का जिक्र। एसपी सिटी ने कहा कि मामले में सख्ती बरती जाएगी, और यदि अन्य लोग शामिल पाए गए तो कार्रवाई होगी। गिरफ्तारी के बाद गांव में राहत की सांस चली, लेकिन बीजेपी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना पार्टी की आंतरिक सफाई की जरूरत बताती है।
