भारत में मौसम का तांडव: शीतलहर, बर्फबारी और भारी बारिश की चेतावनी, IMD ने अलर्ट जारी किया
10 नवंबर 2025, नई दिल्ली: नवंबर की शुरुआत में ही भारत का मौसम करवट ले रहा है—उत्तर में सिहरन भरी ठंड और दक्षिण में मूसलाधार बारिश। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में शीतलहर, कोहरे और तापमान में भारी गिरावट की चेतावनी जारी की है, जबकि दक्षिणी इलाकों में गरज-चमक संग भारी वर्षा का खतरा मंडरा रहा है। राजस्थान से मध्य प्रदेश तक रातें सर्द हो रही हैं, हिमाचल में बर्फबारी ने जनजीवन ठप कर दिया, और दिल्ली-एनसीआर में कोहरा छा सकता है। दक्षिण में नॉर्थ-ईस्ट मानसून सक्रिय होने से तमिलनाडु-केरल में जलभराव का डर। क्या यह ला नीना का असर है? आने वाले दिनों में कैसे बदलेगा मौसम का मिजाज? विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं—बुजुर्गों, बच्चों और किसानों को सतर्क रहना होगा। इस लेख में हम जानेंगे अलर्ट वाले राज्यों की पूरी लिस्ट और बचाव के उपाय।
उत्तर भारत में शीतलहर का आगमन: ठंड ने ली जोरदार एंट्री
IMD की 9 नवंबर की प्रेस रिलीज के मुताबिक, पूर्वी राजस्थान के अलग-थलग इलाकों में 9 नवंबर को शीतलहर शुरू हो चुकी है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 9 से 11 नवंबर तक यह स्थिति बनी रहेगी। रात के तापमान में 4-7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जो सामान्य से काफी नीचे है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे लुढ़क गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और हृदय रोगियों को घरों में रहने, गर्म कपड़े पहनने और गर्म पेय लेने की सलाह दी है। उत्तराखंड के नैनीताल, मसूरी जैसे हिल स्टेशनों पर सुबह-शाम ठंडक बढ़ रही है, जहां पर्यटकों को अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा गया है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से हल्की बारिश या बर्फबारी भी संभव है, जो ठंड को और तेज करेगी। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए मल्चिंग और हल्की सिंचाई की सिफारिश की गई है। यह शीतलहर ला नीना प्रभाव का संकेत है, जो दिसंबर-फरवरी तक कायम रह सकती है, जिससे सर्दी का मौसम असामान्य रूप से कठोर हो सकता है।
हिमाचल-उत्तराखंड में बर्फबारी का प्रकोप: सड़कें बंद, जीवन प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने तहलका मचा दिया है—लाहौल-स्पीति, मनाली और शिमला जैसे इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी है, जिससे तापमान शून्य से नीचे चला गया। IMD के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण 8-10 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बर्फबारी होगी, जो मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं को तेज करेगी। सड़कों पर बर्फ जमा होने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है; प्रशासन ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा न करने की चेतावनी जारी की है। पर्यटकों को होटलों में ही रहने और आपातकालीन संपर्क रखने को कहा गया है। बिहार के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में शीतलहर के कारण रातें नम और ठंडी रहेंगी, जहां फसलों पर असर पड़ सकता है—किसानों को फसलें ढकने की सलाह दी गई। दिल्ली-एनसीआर में तापमान 27 डिग्री अधिकतम और 12 डिग्री न्यूनतम तक गिरेगा, सुबह-शाम कोहरा छाएगा। हवा की गति 10-20 किमी/घंटा रहेगी, जो प्रदूषण बढ़ा सकती है। IMD ने चेताया कि अगले हफ्ते तापमान और 2-4 डिग्री नीचे जा सकता है, इसलिए ट्रैफिक जाम से बचें और गर्म वस्त्र अपनाएं। यह बदलाव उत्तर भारत को असामान्य सर्दी की ओर धकेल रहा है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश का खतरा: नॉर्थ-ईस्ट मानसून का असर
दक्षिण भारत में विपरीत मौसम—तमिलनाडु और केरल में नॉर्थ-ईस्ट मानसून सक्रिय होने से भारी बारिश का अलर्ट है। IMD ने 9, 12 और 13 नवंबर को तमिलनाडु के कई जिलों में गरज-चमक संग तेज वर्षा की चेतावनी दी, जबकि केरल में 9-10 नवंबर तक व्यापक बारिश संभव। बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती हलचल और गल्फ ऑफ मन्नार पर ट्रफ के कारण जलभराव, बिजली गिरने और भूस्खलन का डर है। पुडुचेरी, कराईकल और महे में भी हल्की से मध्यम वर्षा होगी। विशेषज्ञों ने किसानों को खेतों में पानी निकासी के उपाय करने, फसलों को नुकसान से बचाने की सलाह दी। तमिलनाडु के तटीय जिलों में मछुआरों को समुद्र न उतरने को कहा गया है। यह मानसून चरण प्रायद्वीपीय भारत को नम रखेगा, लेकिन ठंडे मिजाज के साथ। पूरे देश में मौसम का यह दोहरा चेहरा ला नीना और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मिलाजुला असर है, जो नवंबर के अंत तक जारी रहेगा। IMD ने सभी को अलर्ट पर रहने, रेडियो-टीवी पर अपडेट चेक करने को कहा। क्या यह सर्दी का शुरुआती संकेत है या जलवायु परिवर्तन का नतीजा? आने वाले हफ्ते बताएंगे।