• October 15, 2025

एसपी और एसडीएम ने सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी में की पूजा अर्चना, महंथ से महावीरी झंडा शोभायात्रा की भी ली जानकारी

 एसपी और एसडीएम ने सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी में की पूजा अर्चना, महंथ से महावीरी झंडा शोभायात्रा की भी ली जानकारी

एसपी अशोक कुमार सिंह और फारबिसगंज एसडीएम रोजी कुमारी फारबिसगंज स्थित सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी पहुंचकर मंदिर में भगवान हनुमान की पूजा अर्चना की।मंदिर के महंथ पंडित कौशल किशोर दुबे ने एसपी और एसडीएम को पूजा अर्चना कराया।

दरअसल रामायण परिषद के स्थापना को लेकर एक सौ साल से अधिक समय से हरेक साल महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी से निकाला जाता है।अष्टयाम संकीर्तन और झांकियों के बीच जुलूस में विभिन्न अखाड़ों के हजारों बजरंग बली के भक्त भाग लेते हैं।न केवल शहरी क्षेत्र बल्कि हजारों की संख्या में ग्रामीण इलाके से भी श्रद्धालु ट्रैक्टर पर सवार होकर जय श्री राम,हर हर महादेव,बजरंग बली के नारों के साथ भगवा झंडा थामकर जुलूस में शिरकत करते हैं।

शोभायात्रा के माध्यम से भगवान बजरंग बली के प्रतिमा को नगर भ्रमण कराया जाता है और पूरे नगर का भ्रमण करने के बाद पुनः शोभायात्रा सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी में आकर समाप्त होती है।

महावीरी झंडा जुलूस को लेकर अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह और एसडीएम रोजी कुमारी ने मंदिर के महंथ सहित मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जायसवाल,किमी आनंद से शोभायात्रा को लेकर जानकारी ली।उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से शोभायात्रा जुलूस संपन्न कराने के लिए कई आवश्यक दिशा निर्देश मौके पर मौजूद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को दिए।

मौके पर मौजूद एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि महावीरी झंडा शोभायात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी करने का दावा किया।उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों सहित जुलूस मार्ग पुलिस अधिकारी,बलों के साथ साथ मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है।संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है।जुलूस सहित उक्त चिन्हित स्थानों पर सादे ड्रेस में भी पुलिस अधिकारियों की तैनाती की बात कही।साथ ही उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरेंक साथ वीडियोग्राफी कराये जाने की बात कही।

फारबिसगंज एसडीएम रोजी कुमारी ने भी विधि व्यवस्था मजबूत करने की बात कही।उन्होंने कहा कि शांति समिति के साथ साथ अधिकारियों के साथ भी मीटिंग कर सभी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।शांतिपूर्ण ढंग से शोभायात्रा सम्पन कराने के लिए उन्होंने समाज के प्रबुद्धजनों के साथ साथ शांति समिति के सदस्यों और विभिन्न मंदिरों और अखाड़े के हेड की भी जिम्मेवारी करार दिया।

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