डेंगू को लेकर एक्टिव हुआ स्वास्थ्य विभाग, सिविल सर्जन ने की बैठक
बेगूसराय में डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में सभी निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। इसके अलावा आम लोगों के लिए भी गाइडलाइन जारी किए गए हैं।
बैठक में सिविल सर्जन ने डेंगू रोकथाम के लिए किया जा रहे उपायों के मद्देनजर निर्देश दिया कि सभी सरकारी एवं निजी अस्पताल प्रतिदिन डेंगू से संबंधित विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन देना सुनिश्चित करेंगे। अपने-अपने क्षेत्र में हो रहे किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य से संबंधित संवेदक से पानी जमा होने वाले स्थान पर मोबिल छिड़काव कराएं।
रैपिड टेस्ट सकारात्मक की श्रेणी में नहीं आता है, रैपिड टेस्ट से सकारात्मक आने वाले सभी मरीजों का एनएस-वन किया जाना चाहिए। भारत सरकार द्वारा क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ डेंगू प्रोटोकॉल प्रपत्र में उपलब्ध कराई गई है, जिसका अनुपालन किया जाना आवश्यक है।डेंगू से सकारात्मक होने वाले सभी मरीजों के घरों में फॉगिंग अनिवार्य है, फॉगिंग सुबह एवं संध्या सूर्यास्त से पहले अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
सभी संस्थाओं में एंटीजन एवं एनएस-वन की किट की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता आवश्यक है। सभी नोडल पदाधिकारी डोमेस्टिक लार्वा छिड़काव से संबंधित जानकारी अपने क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता को देंगे। जिला स्तर पर डेंगू के रोकथाम के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। डेंगू से पीड़ित मरीजों के लिए सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड की व्यवस्था की गई है।
डेंगू वार्ड में सभी बेड पर एक मच्छरदानी और दवा की व्यवस्था है। डॉक्टर एवं नर्स की नियुक्ति 24 घंटे की गई है, जिसमें डेंगू से पीड़ित मरीजों का इलाज समय पर सुचारू रूप से हो सके। आसपास पानी नहीं जमा होने दें। कूलर, टायर एवं गमले में पानी नहीं जमने दें तथा टैंक को ढंक कर रखें। जहां पानी जमा हो वहां मिट्टी तेल का छिड़काव करें। डेंगू के मरीजों को हर समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।




