राष्ट्रीय लोक अदालत में सैकड़ों मामलों का आपसी सहमति के आधार पर हुआ निष्पादन
अररिया सिविल कोर्ट परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने मौके पर मौजूद पक्षकारों से दीप प्रज्जवलित कर कराया।
उद्घाटन के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रवि कुमार,सभी न्यायिक अधिकारी,मुख्यालय डीएसपी,डीडीसी और जिला बार एसोसिएशन और एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी और विभिन्न बैंकों के पदाधिकारीगण और अन्य अविभागों के अधिकारी समेत बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे।
मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी दी और उसके उद्देश्य के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि न्यायालय पर मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए छोटे मोटे मामलों की सुनवाई आपसी सहमति के आधार पर की जाती है।उन्होंने कहा कि लोक अदालत सीधा और सरल माध्यम है,जहां सुलह के आधार पर शांति के साथ मामलों का निष्पादन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय का काम समाज में शांति स्थापित किया जाना है और कभी कभी कभी छोटा छोटा मामला बड़ा रूप ले लेता है।जिससे आपसी कलह के साथ समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य रूप से दंडनीय,शर्मनीय मामले,एनआई एक्ट मामले,मोटर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट था राज्य परिवहन मामलों को शामिल किया गया है।वैवाहिक वाद फैमिली कोर्ट के मामले,श्रम विवाद से संबंधित मामले जिसमे नीति के अनुसार बिना पारिश्रमिक के पुनः नियोजन के मामले,जिसमे औद्योगिक श्रमिकों की मजदूरी तथा लाभों के मामलों को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने लोक अदालत में होने वाले फौजदारी और दिवानी मामलों के बारे में भी जानकारी दी।वन अधिनियम से संबंधित मामले,कैंटोनमेंट बोर्ड से जुड़े मामले,रेलवे क्लेम,आपदा क्षतिपूर्ति से संबंधित मामले सहित अपील दांडिक सिविल दावा अपील और दो लाख से कम अमाउंट वाले 138 एनआई एक्ट के मुकदमे तथा अन्य सभी अच्छादित मामलों की सुनवाई आपसी सहमति के आधार पर होने की बात कही।
राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर दस बेंच स्थापित किया गया था,जहां न्यायिक अधिकारियों के समक्ष वकीलों के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच सहमति के आधार पर मामलों का निबटारा किया गया।