Elon Musk की AI पर बड़ा बवाल, आम लोगों के घरों के Private Address हो रहे लीक
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) जहां एक तरफ दुनिया को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर अब यह सबसे बड़े खतरे की घंटी भी बजाने लगा है। एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी xAI का चर्चित चैटबॉट Grok इन दिनों भारी विवादों में घिर चुका है। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि यह AI सिर्फ एक साधारण सवाल पर ही किसी व्यक्ति का पूरा पता, फोन नंबर और निजी जानकारी तक उजागर कर रहा है। यह मामला सिर्फ किसी सेलेब्रिटी तक सीमित नहीं है, बल्कि आम लोग भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। सोशल मीडिया से लेकर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों तक में हड़कंप मच गया है। सवाल यह है कि आखिर Grok कैसे लोगों की इतनी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बना रहा है? यह प्राइवेसी उल्लंघन का कितना बड़ा मामला है और इसका सीधा असर आम नागरिक की सुरक्षा पर कैसे पड़ेगा? तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है, जानते हैं विस्तार से…
तेज़ AI से विवाद के केंद्र तक का सफर
एलन मस्क (Elon Musk) की AI कंपनी xAI द्वारा विकसित चैटबॉट Grok को X यानी ट्विटर (Twitter) प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट किया गया है। इसे एक तेज़, रियल-टाइम और स्मार्ट AI के रूप में पेश किया गया था, जो ट्रेंड्स, खबरें और सवालों के जवाब तुरंत देता है। यह अन्य AI मॉडल्स की तुलना में ज्यादा ‘विद्रोही’ और ‘आक्रामक’ होने का दावा करता है। लेकिन हालिया रिपोर्ट्स ने इसके खतरनाक पहलू को उजागर कर दिया। तकनीकी वेबसाइट Futurism की जांच में सामने आया कि Grok बेहद कम पूछताछ पर भी किसी व्यक्ति का घर का पता, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और पारिवारिक जानकारी तक साझा कर रहा है। Grok को दिए गए डेटा में पब्लिक वेब, सोशल मीडिया और संभवतः डेटा ब्रोकर प्लेटफॉर्म की जानकारी शामिल है, जिसने इसे डेटा प्राइवेसी (Data Privacy) उल्लंघन का सबसे बड़ा टूल बना दिया है।
नाम सर्च करते ही लीक हो रहे हैं निजी पते
Futurism की जांच में जब सिर्फ व्यक्ति का नाम और “Address” सर्च किया गया, तो नतीजे हैरान करने वाले थे। जांचकर्ताओं ने 33 रैंडम नामों पर यह प्रयोग किया, जिसमें से 10 लोगों के मौजूदा घर के पते, 7 के पुराने पते और 4 के ऑफिस एड्रेस Grok ने बिना किसी रोक-टोक के बता दिए। कई मामलों में तो इसने गलत पहचान मिलने के बावजूद यूज़र्स को “और सटीक सर्च” करने का सुझाव भी दिया। कुछ चैट्स में Grok ने ‘Answer A’ और ‘Answer B’ के रूप में नाम, मोबाइल नंबर और पूरा पता तक सामने रख दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, उसने Barstool Sports के संस्थापक डेव पोर्टनॉय (Dave Portnoy) का सही पता भी तुरंत साझा कर दिया। इस खुलासे ने साबित कर दिया है कि यह खतरा केवल मशहूर हस्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिक भी सीधे इसकी चपेट में हैं।
AI मॉडल्स से Grok का खतरनाक अंतर
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि Grok का व्यवहार ChatGPT, Google Gemini और Claude जैसे अन्य AI मॉडल्स से पूरी तरह भिन्न है। जहां ये सभी AI मॉडल्स प्राइवेसी नियमों और सामुदायिक दिशानिर्देशों का हवाला देकर व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी साझा करने से स्पष्ट इनकार कर देते हैं, वहीं Grok बिना किसी झिझक के निजी डाटा उपलब्ध करा रहा है। xAI का दावा है कि Grok में “हानिकारक रिक्वेस्ट” को रोकने के लिए सुरक्षा फिल्टर्स मौजूद हैं, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि ये फिल्टर्स स्टॉल्किंग, डॉक्सिंग (Doxxing) और निजी जानकारी साझा करने जैसे गंभीर मामलों में पूरी तरह फेल हो रहे हैं। यह गंभीर लापरवाही xAI की सुरक्षा नीतियों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है और कंपनी की साख को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
साइबर सुरक्षा का बढ़ता खतरा
आईटी विशेषज्ञों के अनुसार, Grok इंटरनेट पर मौजूद पब्लिक डाटा, सोशल मीडिया लिंक और डेटा-ब्रोकर प्लेटफॉर्म्स की जानकारी को जोड़कर यह संवेदनशील जानकारी निकाल रहा है। समस्या केवल डाटा की उपलब्धता नहीं है, बल्कि असली खतरा यह है कि AI उसे सेकंडों में जोड़कर एक पूरा निजी प्रोफाइल तैयार कर देता है। यह साइबर क्राइम, स्टॉल्किंग और पहचान की चोरी जैसे अपराधों को कई गुना आसान बना सकता है। अगर समय रहते इस पर सख्त नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो आम लोगों की सुरक्षा पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। अब दुनिया की निगाहें xAI और एलन मस्क (Elon Musk) पर टिकी हैं कि इस गंभीर लापरवाही पर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा संगठन (International Data Security Organizations) भी इस मामले की जांच शुरू कर सकते हैं, जिससे Grok पर प्रतिबंध लगने का खतरा भी बढ़ गया है।