• December 27, 2025

जग्गी हत्याकांड में सभी आरोपितों की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील

 जग्गी हत्याकांड में सभी आरोपितों की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील

छत्तीसगढ़ में सन 2003 में सामने आए पहले राजनीतिक हत्याकांड रामावतार जग्गी की हत्या मामले में कोर्ट का फैसला आया हैं। इस मामले में गुरुवार को कोर्ट ने सभी आरोपितों को उम्र कैद की सुनाई है। इनमें याहया ढेबर का नाम भी शामिल है।

प्रदेश की राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाले एनसीपी नेता रामावतार जग्गी हत्याकांड में आज हाईकोर्ट का फैसला आ गया। हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपितों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपितों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखा है।

हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा रायपुर महापौर के बड़े भाई याहया ढेबर, शूटर चिमन सिंह शामिल हैं।

आरोपितों में अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फ़िरोज़ सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह व अन्य, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह रवि सिंह, लल्ला भदौरिया धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठोर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत) विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर सहित अन्य शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि चार जून 2003 को एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे और एक अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा दी गई थी, जिसके बाद आरोपितों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट के दोषियों की अपील को खारिज किए जाने के बाद रामवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर भरोसा था। सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। हमारा परिवार शुरू से कहता रहा कि यह राजनीतिक षड़यंत्र था। फिलहाल अमित जोगी ने सतीश जग्गी की याचिका पर राेक लगाने सुप्रीम कोर्ट में अपील किया है, जहां मामला चल रहा है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *