आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखें, सड़कों से हटाएं: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली, 7 नवंबर: देशभर में बढ़ती आवारा कुत्तों की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त कदम उठाया है। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से आवारा पशुओं को हटाकर शेल्टर होम में रखा जाए। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देशभर से कुत्तों के हमलों के वीडियो और घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अदालत ने कहा कि यह केवल पशु कल्याण का नहीं, बल्कि जन सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला है। सुप्रीम कोर्ट के इन नए निर्देशों के बाद राज्य सरकारों को आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करनी होगी। सवाल यह है कि क्या ये आदेश वास्तव में देश की सड़कों को सुरक्षित बना पाएंगे?
सुप्रीम कोर्ट के तीन अहम आदेश: अब सख्ती से होगा पालन
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान तीन मुख्य निर्देश जारी किए। पहला, एमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) की रिपोर्ट में सुझाए गए उपायों पर सभी राज्य सरकारें तत्काल अमल करें और एफिडेविट दाखिल कर बताएं कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। दूसरा, राजस्थान हाई कोर्ट का जो आदेश आवारा पशुओं के लिए दिया गया था, उसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके तहत सड़कों और हाईवे से कुत्तों को हटाना, 24 घंटे की पेट्रोलिंग टीम बनाना, शेल्टर होम और खाद्य व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा नागरिक शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करना शामिल है। तीसरा आदेश यह है कि स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, बस अड्डों और खेल परिसरों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए और पकड़े गए कुत्तों को वैक्सीनेट कर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए।
राज्यों की लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की उदासीनता पर तीखी टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि “क्या राज्य सरकारों के अधिकारी अखबार नहीं पढ़ते? क्या वे सोशल मीडिया नहीं देखते?” कोर्ट ने बताया कि उसके पिछले आदेश के बावजूद केवल दो राज्यों ने ही हलफनामा दाखिल किया है। दिल्ली सरकार ने भी कोई जवाब नहीं दिया, जबकि सिर्फ एमसीडी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। अदालत ने चेताया कि अब आदेशों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि हाल के महीनों में कुत्तों के हमलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि प्रभावित हो रही है। इसलिए यह सिर्फ पशु संरक्षण का नहीं, बल्कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है।
आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या: कारण और समाधान
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में आवारा कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ रही है। इसके पीछे कई वजहें हैं — शहरों में खुले में पड़ा कूड़ा, नसबंदी अभियान की धीमी रफ्तार, और पालतू कुत्तों को छोड़ने की बढ़ती घटनाएं। पशु कल्याण बोर्ड की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में करीब 6 करोड़ आवारा कुत्ते हैं, जबकि 2023-24 में 1.8 करोड़ काटने की घटनाएं दर्ज की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आदेश दिया है कि हर शहर में शेल्टर होम की संख्या बढ़ाई जाए, टीकाकरण और नसबंदी अभियान को तेज किया जाए, और स्कूलों व अस्पतालों के आसपास सुरक्षा बैरियर लगाए जाएं। अदालत ने कहा, “समय आ गया है कि हम जन सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच संतुलन बनाएं — ताकि सड़कें इंसानों और जानवरों दोनों के लिए सुरक्षित बन सकें।”